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SIR Update : राजस्थान में कई BLO ने पेश की मिसाल, जानेंगे तो कहेंगे वाह-वाह

SIR Update : राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में लगे बूथ लेवल अधिकारियों व सहायकों ने एक मिसाल पेश की। उन्होंने कोई बहाना नहीं बनाया सिर्फ जिम्मेदारी से अपना फर्ज निभाया। SIR पूरा करने की राह में आई कठिनाईयों के बारे में जानेंगे तो उफ्फ कहेंगे। उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकेंगे।

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SIR Update Rajasthan Dungarpur Many BLOs in set example if you know about them say wow

डूंगरपुर. घर-घर जाकर एसआइआर का कार्य करते हुए बीएलओ। फोटो पत्रिका

SIR Update : राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर जोरों पर काम चल रहा है। इसी के तहत डूंगरपुर जिले ने समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की एक नई मिसाल पेश की है। कई बूथ लेवल अधिकारियों व सहायकों ने व्यक्तिगत संकट, स्वास्थ्य समस्याओं और आर्थिक खर्च की परवाह किए बिना अपने दायित्व को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। यहीं कारण है कि जनजाति बाहुल्य डूंगरपुर जिले में 99.01 प्रतिशत डिजिटलाइजेशन का कार्य पूरा हो गया हैं।

खास बात यह है कि सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण करने के साथ ही राज्य की 199 विधानसभाओं में से 34वें स्थान पर रहा हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में 1036 बीएलओ को प्रशिक्षित किया गया। जिन्होंने 1103449 मतदाताओं में से 1003584 मतदाताओं के डिजिटलाइजेशन का कार्य पूरा कर दिया हैं। अभियान 4 नवंबर से शुरू हुआ था।

व्यक्तिगत चुनौतियों पर भारी पड़ा 'कर्तव्य'

डूंगरपुर में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां बीएलओ ने अपने निजी दुखों और शारीरिक कष्ट को परे रखकर निर्वाचन कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

केस 1 : दुख की घड़ी में भी नहीं छोड़ा फर्ज़

सोहनलाल खराड़ी (नवाघरा) के पिता की स्थिति गंभीर थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिता के निधन के बावजूद, उन्होंने सामाजिक रीति-रिवाज निभाते हुए भी अपने कार्य में कोई ढील नहीं दी और अब तक 85 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण किया है। अखेपुर के जयंतीलाल बुनकर ने फिशर की सर्जरी के बावजूद अपनी ड्यूटी निभाई। उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए काम किया, बल्कि स्वयं के खर्च पर मतदाताओं के फोटो निकलवाए और सबसे पहले अपना कार्य पूर्ण करने वालों में शामिल रहे।

केस 2 : ऑपरेशन के बाद भी दुर्गम क्षेत्रों की मैपिंग

दिलीप पाटीदार (शिवराजपुर) ने रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बावजूद कार्य में शत-प्रतिशत योगदान दिया। उनके हिस्से में 1295 मतदाताओं की मैपिंग थी, जिनमें से अधिकांश दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों के थे। दिलीप ने न केवल 100 प्रतिशत कार्य पूरा किया, बल्कि 50 प्रतिशत डिजिटाइजेशन का कार्य भी स्वयं के प्रयासों से पूर्ण किया।

केस 3 : नए अनुभव और निजी खर्च से सफलता

संविदा कार्मिक करियाणा के मुकेश कुमार रावल का अनुभव कम था, लेकिन उनका उत्साह कम नहीं था। उन्होंने 1011 मतदाताओं का कार्य समय तय सीमा तक पूरा किया। उन्होंने रंगीन फोटो का खर्च भी स्वयं वहन किया। ऑनलाइन प्रक्रिया में उनकी पत्नी (आशा सहयोगिनी), बेटे और बहू ने भी सहयोग किया। कार्य को एक पारिवारिक मिशन की तरह लिया।

डूंगरपुर की यह स्थिति (3 दिसंबर तक)

विधानसभा - बीएलओ - डिजिटाइजेशन कार्य प्रतिशत में
डूंगरपुर - 247 - 97.40
आसपुर- 278 - 98.86
सागवाड़ा - 267 - 100
चौरासी- 244 - 99.77

टीम वर्क से बेहतर परिणाम

कार्य को प्राथमिकता देकर बीएलओ ने नजीर पेश की हैं। हर कार्य टीम वर्क से करने पर उसके परिणाम बेहतर आते हैं। इस कार्य में भी बीएलओ स्तर से फॉर्म प्रिंटिंग, मतदाताओं के घर तक वितरण व कलेक्ट करने के बाद डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई गई। जिसमें मदद के लिए सहायक के तौर पर अतिरिक्त टीम लगाकर कार्य किया गया। इसके साथ ही मैपिंग का कार्य भी 98 प्रतिशत पूरा कर लेने से काफी मदद रही। शेष कार्य भी तय अवधि से पूर्व पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अंकित कुमार सिंह, जिला कलक्टर डूंगरपुर