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चुनाव आए, तो फिर बांध रही सरकार उम्मीदों का पुल

एक अरब के चीखली-आनंदपुरी ब्रीज का करेंगे शिलान्यास प्रदेश का दूसरा बड़ा ब्रीज बनाने का दावा

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कुछ ऐसा हो सकता है ब्रीज

कुछ ऐसा हो सकता है ब्रीज

चीखली. चौरासी विधानसभा क्षेत्र की सबसे प्रमुख मांग को चार साल तक ठण्डे बस्ते में पड़ा रखने के बाद अब एक बार फिर सरकार जनता की उम्मीदों का पुल बांधने की कवायद कर रही हैं। ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में स्थित माही-अनास एवं संगमेश्वर नदी एवं बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी के मध्य स्थित नदियों के संगम स्थल पर पुल बनाने लिए 99.16 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। स्थानीय अधिकारी एवं नेता जिले में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान इस उम्मीदों के पुल कार्य का शिलान्यास करवाने की बात कह रहे हैं। जबकि, इस पुल की मांग दशकों से चली आ रही है और सरकार ने इसकी स्वीकृति 2016 में की थी।

कोटा के बाद राजस्थान का दूसरा बड़ा ब्रीज होगा। माही नदी के ऊपर से गुजरने वाली कर्क रेखा के सर्वाधिक निकट 700 मीटर से अधिक पुल का निर्माण होगा। गुजरात के कडाणा डेम के जल विस्तार में क्षेत्र में माही अनास नदी संगम जल की सर्वाधिक गहराई 20 से 25 मीटर है। [typography_font:14pt;" >
इस पुल के बनने से राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश तीन राज्यों के कई जिलों की आपस में दूरी कम होगी।


पहला मार्ग आसपुर क्षेत्र को बांसवाड़ा जिले को जोडऩे के लिए साबला के समीप माही नदी पर लसाड़ा पुल, दूसरा मार्ग सागवाड़ा क्षेत्र को बांसवाडा जिले से जोडऩे के लिए अगरपुरा पुल है। दोनों जिलों के मध्य माही नदी १०० किमी से अधिक सीमा रेखा के समान विभाजक के रूप में है। निठाऊआ से लेकर चीखली तक माही नदी दोनों जिलों के मध्य विभाजन रेखा के समान है।


फिलहाल सीमलवाडा, धम्बोला, पीठ, चीखली, गलियाकोट क्षेत्र को बांसवाड़ा जिले के आनन्दपुरी, मानगढ़, शेरगढ़, गांगडतलाई, बागीदौरा, अरथुना, कुशलगढ़, गुजरात के संतरामपुर, झालोद, दाहोद, फतेहपुरा, गोधरा, बडौदा, मध्यप्रदेश के धार, झाबुआ, इंदौर से जोडऩे के लिए १५० किमी से अधिक का सफर तय करके वाया अगरपुरा पुल से होकर जाना पड़ता है। इससे समय तथा पैसा अधिक बर्बाद हो रहा है। वहीं, सागवाड़ा, परतापुर १८० किलोमीटर घुमकर जाना पड़ता है। जबकि, चीखली से जलमार्ग की दूरी महज २० किलोमीटर पर ही मानगढ़ धाम है।


बताया जा रहा है कि इस पुल निर्माण के साथ चीखली-बेडूआ एवं सामने आन्नदपुरी तक आठ किलोमीटर की टू-लेन की डामरीकरण सड़क बनेगी।


चीखली के बेडूआ से दो राहें आसान हो सकती है। चीखली-आन्नदपुरी और दूसरा चीखली से अरथुना मार्ग तक सफर आसान होगा। वर्तमान में सौ करोड़ रुपए चीखली-आन्नदपुरी पुल के लिए स्वीकृत हुई है। इससे चीखली-आन्नदपुरी, गांगड़तलाई से होकर गुजरात के संतरामपुर, मानगढ़ धाम तक राह आसान होगी। लेकिन, चीखली से संगमेश्वर महादेव तक एक छोटा सा पुल निर्माण की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इससे अरथुना के धार्मिक आस्था माना जाने वाला हनुमानमंदिर , पांचवड़ा, कोटड़ा, आजना, झौलाना-रैयाना आदि दर्जनों गांव से गढ़ी-परतापुर होकर बांसवाड़ा और मध्यप्रदेश की राह आसान होगी। क्षेत्रवासियों ने इसे भी जोडऩे की मांग को लेकर प्रयासरत है।

मुख्य अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग

राज्य मंंत्री