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काम करने वालों की कद्र नहीं होती है

काम करने वालों की कद्र नहीं होती है

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काम करने वालों की कद्र नहीं होती है


डूगरपुर विधायक देवेंद्र कटारा भी बगावत की राह पर हैं। उन्होंने कहा स्थानीय स्तर से फीडबैक गलत भेजे जाने से उनके हाथ से यह अवसर गया है। मुझ पर जातिवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं। अपनी जाति, समाज के लिए बात करना गलत तो नहीं है। मेरा टिकट कटने के बाद कार्यकर्ताओं की भावना है कि मैं चुनाव लडूं। कांग्रेस के टिकट फाइनल होने के बाद फिर विचार कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर सकता हूं। और हां, यदि नामांकन दाखिल किया तो नाम वापस नहीं लूंगा। निश्चित रूप से चुनाव लडूंगा।
हालांकि टिकट के लिए पहले किसी ने मुझे आश्वास्त नहीं किया था, पर मुझे अपने काम के कारण टिकट का पूर्ण विश्वास था। मेरे टिकट कटवाने पर किसी एक का नाम क्या लूं। क्योंकि किसी एक के बस की बात भी नहीं थी।
पार्टी नेतृत्व को ये जानना चाहिए था कि गत चुनाव में पहली बार डूंगरपुर की सीट भाजपा के खाते में आई थी। मैंने इतिहास बनाया था। आदिवासी, दलित, शोषित, मुस्लिम वर्ग की आवाज उठाई। चलो जो भी हुआ, पर मैं किसी अन्य पार्टी में जाऊंगा भी नहीं। प्रदेश स्तर पर पार्टी के मजबूत नेता या नुकसान पहुंचाने वालों का जिक्र करने पर कटारा भी उसे विषय से इतर बनाकर टाल गए। जमीनी तौर पर काम करने वालों की उपेक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि बिल्कुल काम करने वालों की कद्र नहीं है। मैंने भी हां में हां नहीं मिलाई, इसलिए मुझे दरकिनार किया
गया है।
पुष्टिकरण परीक्षा सात को
डूंगरपुर. जीएसटी के नामांकन के पुष्टिकरण के लिए परीक्षा भारत में निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर सात दिसम्बर को सुबह 11 से दोपहर 1.30 बजे तक होगी। वाणिज्यिक कर विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि परीक्षा कम्प्यूटर के माध्यम से (कम्प्यूटर बेस्ड) होगी। परीक्षा के लिए योग्य जीएसटीपी की ओर से पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण किया जा सकता है। पोर्टल 16 से 25 नवम्बर तक खुला रहेगा।