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सोम नदी में दूसरे दिन भी मिला 65 किलो विस्फोटक

डूंगरपुर. उदयपुर के ओड़ा पुल पर विस्फोट का मामला अभी शांत भी नही हुआ था कि जिले आसपुर थाना क्षेत्र में दो दिन से भारी मात्रा में विस्फोट मिलने से पुलिस महकमे में हलचल मच गई। सबसे खास बात यह है कि एक दिन पहले मंगलवार को डूंगरपुर जिले के आसपुर में जिस सोमनदी में विस्फोटक सामग्री मिली उसके 200 मीटर दूरी पर ही बुधवार को फिर विस्फोटो सामग्री मिल गई। डूंगरपुर से सटे गुजरात राज्य में चुनाव और उदयपुर में रेल लाइन उड़ाने की घटना के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया है।

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सोम नदी में दूसरे दिन भी मिला 65 किलो विस्फोटक

सोम नदी में दूसरे दिन भी मिला 65 किलो विस्फोटक

सोम नदी में दूसरे दिन भी मिला 65 किलो विस्फोटक
डूंगरपुर. उदयपुर के ओड़ा पुल पर विस्फोट का मामला अभी शांत भी नही हुआ था कि जिले आसपुर थाना क्षेत्र में दो दिन से भारी मात्रा में विस्फोट मिलने से पुलिस महकमे में हलचल मच गई। सबसे खास बात यह है कि एक दिन पहले मंगलवार को डूंगरपुर जिले के आसपुर में जिस सोमनदी में विस्फोटक सामग्री मिली उसके 200 मीटर दूरी पर ही बुधवार को फिर विस्फोटो सामग्री मिल गई। डूंगरपुर से सटे गुजरात राज्य में चुनाव और उदयपुर में रेल लाइन उड़ाने की घटना के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया है। जयपुर से आइबी व गुजरात से एटीएस की टीमें आसपुर पहुंची और हरेक बिन्दु पर जांच कर रही है। दूसरे दिन आसपुर थाना क्षेत्र के गड़ानाथजी गांव की सोमनदी के पुल के नीचे बुधवार को फिर से झाडिय़ों में भारी विस्फोटक सामग्री मिली। पुलिस ने विस्फोटक सामग्री को जब्त किया। पुलिस उपाधीक्षक कमल कुमार ने बताया कि सूचना पर आसपुर थाना अधिकारी मय जाप्ता मौके पर पहुंचे तो प्लास्टिक की थैलियों में विस्फोटक सामग्री पड़ी हुई थी। थैलियों के अंदर पानी भर गया था। विस्फोटकर सामग्री का वजन करीब 65 किलोग्राम बताया जा रहा है।
धौलपुर एक्सप्लोसिव फैक्ट्री से है विस्फोटक
डीएसपी कुमार ने बताया कि सोमनदी पुल से मिला विस्फोटक राजगेल 90 कम्पनी का है और यह राजस्थान एक्सप्लोसिव एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरईसीएल) धौलपुर में बना है। वहीं ओड़ा पुल में हुए विस्फोट में सुपर पॉवर 90 इस्तमाल किया गया था। वहीं विस्फोटक मिलने की सूचना पर बुधवार को सेंट्रल आईबी व स्टेट आईबी के साथ ही कई इंटेलिजेंस टीमें आसपुर पहुंच गई और विस्फोटक के बारे मे छानबीन शुरू कर दी है।
पहले भी विवादों में
रही आरईसीएल
वर्ष 2010 में धौलपुर के आरईसीएल से मध्यप्रदेश के चंदेरी के लिए निकले विस्फोटक से भरे 103 ट्रक और मध्य प्रदेश के सागर गए 64 ट्रक गायब चुके हैं। इससे पूर्व 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए धमाकों बाद गुजरात की सूरत पुलिस ने 28 जुलाई से 31 जुलाई 2008 के बीच शहर के अलग-अलग इलाकों से 27 बम बरामद किए थे। इन बम में लगे डेटोनेटर आरईसीएल में ही बनाए गए थे।
विस्फोटक निर्माण में डीएपी का उपयोग
कृषि विभाग और पुलिस ने 6 अक्टूबर को संयुक्त कार्रवाई कर आरईसीएल परिसर से डीएपी उर्वरक बरामद किया था।
अंदेशा जताया जा रहा है कि इनका उपयोग विस्फोटक बनाने के लिए किया जा रहा था। इस संबंध में जांच जारी है।
एक दिन पहले मिला था विस्फोटक
आसपुर पुलिस ने पहले दिन भी सोमनदी पुल के नीचे पानी से 186 किलोग्राम की विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। लेकिन पुलिस ने आस पास क्षेत्र में छानबीन नही करने की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। दूसरे दिन फिर सामग्री मिली तो पुलिस ने बुधवार को 250 पुलिसकर्मियों को छानबीन के लिए लगा दिया है।
धौलपुर. आरईसीएल कंपनी के एचआर मैनेजर बी.एन. श्रीवास्तव ने कहा कि फैक्ट्री से अधिकृत खरीदार को ही विस्फोटक बेचा जाता है। सोन नदी में मिला विस्फोटक अधिकृत खरीदार भीलवाड़ा के राजेन्द्र कुमार बहेती को बेचा गया था। उन्ही के वाहन से 15 टन कंसाइनमेंट 23 मार्च को आरईसीएल से गया था।
पांच पुलिस थानों का भेजा जाप्ता
दूसरे दिन भी भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने पर साबला, आसपुर, सरोदा, निठाउवा, दोवड़ा सहित अन्य थानों की पुलिस व पुलिस लाईन भी जाप्ता भी आसपुर पहुंचा।


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