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स्वामित्व योजना से मिलेगा आबादी भूमि का ‘स्वामित्व’

ड्रोन फोटोग्राफी से तैयार होगा डिजिटल मैप- मिल सकेंगे पट्टे- पूरे प्रदेश में लागू होगी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना- पंचायतीराज विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

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स्वामित्व योजना से मिलेगा आबादी भूमि का ‘स्वामित्व’

स्वामित्व योजना से मिलेगा आबादी भूमि का ‘स्वामित्व’


ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी भूमि से जुड़े विवादों के निस्तारण करने तथा आमजन को भूमि का मालिकाना हक देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई स्वामित्व योजना प्रदेश के चुंनिदा जिलों के बाद अब पूरे राज्य में लागू होगी। केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया कैम्पेन की इस महत्वांकाक्षी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी भूमि का ड्रोन फोटोग्राफी से डिजिटल मैप तैयार होगा और इसी के आधार पर संबंधित व्यक्तियों को पट्टे, विक्रय विलेख आदि जारी किए जाएंगे। योजना के क्रियान्वयन के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ ही राजस्व और पंचायतीराज विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला स्तर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इसका प्रभारी बनाया गया है।


योजना का उद्देश्य डिजिटल संपत्ति ब्यौरा तैयार करना है। योजना के तहत सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने पर सरकार की ओर से संबंधित व्यक्ति को संपत्ति कार्ड जारी किए जाते हैं। यह दस्तावेज बैंक लोन प्रक्रिया के लिए अधिकृत किए गए हैं। इससे आमजन को बैंक से लोन प्राप्त करने में आसानी रहेगी।


- उक्त इमेज मेप और सर्वे प्रपत्र की प्रति पंचायत भवन तथा संबंधित राजस्व गांव के सार्वजनिक स्थल पर चस्पा कर सात दिन के भीतर आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। आपत्तियों का निस्तारण पंचायत की साधारण सभा में किया जाएगा। इसके बाद विशेष ग्रामसभा में इसका अनुमोदन किया जाएगा। किसी प्रकार का संशोधन होने पर उसके अनुरुप संशोधन करके मेप और सूचियां सर्वेक्षण विभाग को भेजी जाएंगी। वहां से अंतिम ईमेज मेप व सूचियां पंचायत को उपलब्ध कराई जाएंगी। इन्हीं के आधार पर संबंधित लाभार्थियों को पट्टा रजिस्ट्री करवाकर हार्ड कॉपी और सॉफ्टकॉपी में उपलब्ध कराई जाएगी।

वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि को लेकर कई तरह के विवाद हैं। विभाग का दावा है कि डिजिटल मैपिंग से इन विवादों के निस्तारण में सहयोग मिलेगा। साथ ही लोगों को अपनी संपत्ति पर लोन लेने में आसानी होगी।

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