
Dungarpur: exclusion warning, Called the officers on phone
पंचायत समिति डूंगरपुर की साधारण सभा बुधवार को प्रधान लक्ष्मण कोटेड़ की अध्यक्षता में हुई। इसमें विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति नगण्य होने पर सदस्यों ने बहिष्कार की चेतावनी दी। इस पर अधिकारियों को फोन करके बुलाया गया।
बैठक की शुरुआत गत बैठक कार्यवाही विवरण पठन के साथ हुई। इसके बाद सदस्यों ने विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति पर सवाल उठाए। सदस्यों ने कहा कि जनजाति क्षेत्रीय विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित कई विभागों के अधिकारी कभी भी नहीं आते हैं। हर बैठक में अलग-अलग कार्मिक भेज दिए जाते हैं, जिनके पास किसी भी बात का जवाब तक नहीं होता है।
सदस्यों ने अधिकारियों के नहीं आने पर बैठक के बहिष्कार की चेतावनी दी। इस पर विकास अधिकारी सुनीता परिहार ने कार्मिकों से अधिकारियों को टेलीफोन कराए। इस पर उप जिला शिक्षाधिकारी टीएडी शिल्पा मीणा सहित एक-दो अन्य अधिकारी बैठक में पहुंचे।
सदस्यों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं पर जवाब-तलब किया। बैठक में तहसीलदार शाहिद अली, जिला परिषद सदस्य बालकृष्ण परमार, उपप्रधान सुरेश कलासुआ आदि मौजूद रहे।
फिर उठा देवल पीएचसी का मसला
देवल पाल में स्वीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का मुद्दा एक बार फिर उठा। उमेश भणात ने बैठक-दर-बैठक संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। देवलपाल और खास पीएचसी के चिकित्सकों ने पीएचसी स्वीकृत होने के लिए की जानकारी तो दी, लेकिन भवन निर्माण के बारे में वे कुछ नहीं बता पाए।
उन्होंने पीएचसी के नाम पर फर्नीचर तक की सुविधा नहीं होने की बात कही। सदस्यों ने ठोस जानकारी नहीं मिल पाने पर प्रधान कोटेड को ही उलाहना दिया। विकास अधिकारी ने अगली बैठक में सीएमएचओ को बुलवाकर संपूर्ण जानकारी दिलाने का आश्वासन दिया।
फिर टली बंगाली चिकित्सकों पर कार्रवाई
राजेंद्र गमेती ने पिछली बैठक में बंगाली चिकित्सकों पर कार्रवाई के आश्वासन की बात उठाई। इस पर बीसीएमओ डा. गोकुलचंद सैनी ने उपखंड अधिकारी के क्षेत्राधिकार में होना बताया। सदस्यों के नाराजगी जताने पर उन्होंने कार्रवाई की बात कही।
Published on:
22 Feb 2017 07:35 pm
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