
HMPV virus: कोरोना वायरस के बाद एक बार फिर नए संक्रमण एचएमपीवी (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) ने दस्तक दे दी है और चिंता की बात इसीलिए भी है कि पूरे देश में तीसरा संक्रमित राजस्थान के डूंगरपुर जिले में चिन्हित हुआ है।
यह वायरस श्वसन संक्रमण उत्पन्न करता है तथा सर्दियों में बहुत अधिक प्रभावी होता है। हालांकि इस गंभीर संक्रमण से घबराने के बजाय सावचेत रहने की अधिक जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों में सामान्य लक्षण भी नजर आने पर तुरंत ही चिकित्सक को दिखाने की जरूरत है।
वहीं राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सर्दी के मौसम में श्वसन रोगों इंफ्लूएंजा, स्वाइन फ्लू और कोविड के प्रसार की आशंका देखते हुए एडवायजरी और अलर्ट जारी किया है।
चिकित्सा विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार यह वायरस खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है। इसका असर तीन से पांच दिनों तक होता है।
सर्दी के मौसम में इस वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है। खांसने और छींकने के अलावा यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने और गले मिलने से भी फैलता है। इसके साथ ही अगर किसी संक्रमित व्यक्ति ने दरवाजे के हैंडल, कीबोर्ड या खिलौनों को छुुआ हो तो इससे भी संक्रमण फैल सकता है। इसके संक्रमण फैलने के लक्षण लगभग कोरोना जैसे ही हैं।
एचएमपीवी संक्रमित होने पर लक्षण बहुत सामान्य नजर आते हैं। इन्हें नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही हैं। यह वायरस मुख्य रुप से शिशुओं एवं बच्चों को संक्रमित करता है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति में खांसी, बुखार, जुकाम, गले में खराश, घबराहट और सांस लेने में दिक्कत होती है।
डूंगरपुर की शिशु रोग विशेषज्ञ डा. कल्पेश जैन ने बताया कि एचएमपीवी (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) एक आरएनए वायरस है, जो न्यूमोवायरिडे परिवार से संबंधित है। ये वायरस श्वसन संबंधी संक्रमण की वजह से बनता है, जिसका लक्षण सामान्य रूप से जुकाम जैसा होता है।
यह बीमारी आमतौर पर हल्की होती है, लेकिन इससे निमोनिया जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है। ध्यान नहीं रखने पर मरीज की हालात बिगड़ जाती है। एचएमपीवी वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को रहता है।
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संक्रमित शिशु की सूचना मिलने के साथ ही चिकित्सा विभाग की टीम रिंछा गांव पहुंची तथा यहां उन्होंने संक्रमित शिशु के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई तथा चिकित्सा टीम को अलर्ट कर दिया है। सीएमएचओ डा. अलंकार गुप्ता ने बताया कि एसीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा, महामारी रोग विशेषज्ञ शमशु सुहा, डॉ. पुष्पेन्द्र ताबियाड़, एएनएम सुमिता कुमारी सहित आशा सहयोगिनी आदि पहुंचे।
Updated on:
07 Jan 2025 11:24 am
Published on:
07 Jan 2025 10:59 am
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