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पीर फखरुद्दीन दरगाह की जियारत के लिए उमड़े जायरीन

पीर फखरुद्दीन दरगाह की जियारत के लिए उमड़े जायरीन

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पीर फखरुद्दीन दरगाह की जियारत के लिए उमड़े जायरीन

चीतरी (डूंगरपुर).
गलियाकोट पीर फखरुद्दीन की दरगाह का उर्स शनिवार सुबह धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन के आगमन के साथ ही शुरू हुआ। सैयदना सुबह आठ बजे गुजरात के गोधरा से प्रस्थान कर गलियाकोट माही नदी ब्रिज के रास्ते से दरगाह पहुंचे। दरगाह में आगमन पर सैयदना का दरगाह प्रंबधन कमेटी ने स्वागत किया। दरगाह में बने शाही निवास में मौला ने कुछ समय विश्राम किया। शाही निवास से धर्मगुरु सैयदना के दरगाह में जियारत को निकले, तो हजारों की तादाद में बैठे बोहरा मोमिनों ने दोनों हाथ उठा लिए और 'या मौला-या मौलाÓ से समूचा परिसर गूंजा दिया। सैयदना के कदम मजार की ओर बढ़ते देख बोहरा मोमिन एक झलक पाने के लिए बेकरार हो उठे। सैयदना को देख आंखें नम हो उठी। धर्मगुरु ने दरगाह में जियारत की। दरगाह में बने रेम्प पर चल कर चारों और बैठे बोहरा मोमिनों से दुआ-सलाम की। धर्मगुरु गलियाकोट मोहम्मदिया कॉलोनी पहुंचे। बोहरा समाज के चार बंगलों पर जियाफत कर मेहमान नवाजी की। इस मौके पर भी बोहरा मोमिनों का जमघट लगा रहा। उर्स के मेले में शरीक हुए दूर-दराज के बोहरा मोमिनों को मोहम्मदिया कॉलोनी समाज की ओर से दावत दी गई। बोहरा समाज कमेटी के सदस्यों एवं बुरहानी युवा कमेटी करीब पांच हजार मेहमानों को खुशी से दावत देती हैं।

आज होगी वायज
रविवार को धर्मगुरु की वायज होगी। इसके बाद बोहरा मोमिनों के लिए धर्मगुरु की ओर से शाही दावत होगी। वाईज के पहले रविवार को दरगाह के मोवाईज में 53 जोड़ों का सामूहिक निकाह होगा। उर्स में बोहरा मोमिनों के लिए प्रतापगढ़, उज्जैन, रतलाम एवं बांसवाड़ा की बुरहानी कमेटी की ओर से नि:शुल्क चाय, नाश्ता आदि की व्यवस्था की गई है। उर्स के तहत गलियाकोट की बोहरा बस्तियां जगमग रोशनी से लकदक सज उठी है।