
प्रतीकात्मक तस्वीर
Rajasthan Rail Project: राजस्थान में 143 किमी का नया रेलवे रूट कब पूरा होगा? दरअसल, आदिवासी अंचल के डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिले को रेल सेवा के जरिए शेष भारत से जोडऩे सपना बरसों बाद भी पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, अब उम्मीद जगने लगी है कि जल्द ही नए रेल रूट पर काम रफ्तार पकड़ेगा।
बता दें कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस दौरान सांसद ने डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा रेल प्रोजेक्ट को जल्द पूरा कराने की मांग की। जिस पर रेल मंत्री ने सांसद को आश्वस्त किया कि जल्द ही रेलवे का काम रफ्तार पकड़ेगा। ऐसे में वांगड़ अंचल को एक बार फिर आस बंधी है।
इसके अलावा सांसद राजकुमार रोत ने प्रस्तावित उदयपुर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का डूंगरपुर में स्टॉपेज, उदयपुर-दिल्ली मेवाड़ एक्सप्रेस को डूंगरपुर तक बढ़ाने और असारवा एक्सप्रेस का बिछीवाड़ा में स्टॉपेज की मांग भी रखी।
डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना की घोषणा साल 2010-11 के रेल बजट में हुई थी। हालांकि, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी के कारण परियोजना की प्रगति धीमी रही है। यह प्रोजेक्ट 2031 तक पूरा होना है।
इस प्रोजेक्ट के तहत डूंगरपुर से रतलाम के बीच 191 किमी में रेल ट्रैक बिछाया जाएगा। इसमें से 143 किमी राजस्थान में और 48 किमी रेल ट्रैक मध्यप्रदेश से होकर गुजरेगा। उत्तर-पश्चिम रेलवे ने परियोजना की प्रारंभिक लागत 2100 करोड़ रुपए आंकी थी। लेकिन, प्रोजेक्ट में देरी के कारण हर साल लागत 10 से 12 प्रतिशत बढ़ती जा रही है। ऐसे में वर्तमान में परियोजना की लागत 4000 करोड़ से अधिक हो चुकी है।
डूंगरपुर से रतलाम बीच कुल 19 स्टेशन है। जिनमें से राजस्थान में 14 और मध्यप्रदेश में 5 रेलवे स्टेशन बनेंगे। राजस्थान में डूंगरपुर, मनपुर, नवागांव, टामटिया, जोधपुरा, सागवाड़ा, भीलूडा, गढ़ीपरतापुर, वजवाना, मतीरा,बांसवाड़ा, कुंडला खुरडा, अरभितखाटुम्बी और छोटी सरवन स्टेशन है। वहीं, मध्यप्रदेश में सेवारा अलका खेरा, चांदीरा बेरदा, शिवगढ़, पालसोरीत और रतलाम रेलवे स्टेशन है। साथ ही 7 सुरंग बनेगी, जिनकी लंबाई 7.40 किमी है। इस रूट पर 43 घुमाव रहेंगे।
Published on:
13 Feb 2025 02:21 pm
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