
एक्सिडेंट
जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह करीब सात बजे आकाश पुत्र लक्ष्मण मोटरसाइकिल लेकर आ रहा था। इसी दौरान मोटरसाइकिल के अनियंत्रित हो गई और वो सड़क किनारे खड़े ट्रोले के पीछे घुस गया। इससे इसके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें पहुंची। हादसे के २० मिनट बाद इसे १०८ के जरिए चिकित्सालय पहुंचाया।
सड़क पर हुए इस हादसे में यह युवा ही नहीं मानवीयता भी तड़पती रही। हमारी संवेदनाएं भी खुल कर सामने आई। हादसा होते ही मधुमक्खी के छत्तों की तरह सैकड़ों की तादाद में भीड़ ने घेरा बांध कर इसको घेर लिया। लहूलुहान युवा को देख सब सिसकियां भर रहे थे। तो कुछ मोबाइल पर बाइक व युवा के वीडियो बना रहे थे। कुछ लोग इससे उसका नाम, गांव का नाम और जाति-धर्म पूछ रहे थे। वो बोलने की स्थिति ने नहीं था, पर पूछने वाले के शब्द ही खत्म नहीं हो रहे थे। इसे उठाना तो दूर छूने तक से परहेज करने लगे। महज दस मिनट की दूरी पर चिकित्सालय था, पर वहां तक पहुंचाने के लिए कोई तैयार नहीं था। कुछ लोगों ने १०८ को तो कुछ ने पुलिस को फोन किया।
पुलिस पहुंची ही नहीं और हादसे के बीस मिनट बाद १०८ आई। इसके आते ही सबने यूं राहत की सांस ली। मानो अपना दायित्व पूरा हो गया हो। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए। हमारी मानवीयता और संवेदनाओं पर प्रश्न खड़े किए।
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Published on:
01 May 2018 11:50 pm
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