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धर्म की बही अविरल गंगा, सीमलवाड़ा में शिव कथा शुरू

पोथी एवं कलश यात्रा में उमड़े भक्त

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Shiv Katha Start In Simalwara

Shiv Katha Start In Simalwara

त्रिवेदी मेवाड़ा बाह्मण समाज की ओर से गोकुलधाम परिसर में गिरि बापू की शिव कथा का श्रीगणेश सोमवार से हुआ। पहले ही दिन भक्ति की गंगा बह निकली। अंचल सहित दूरदराज से भक्त शामिल हुए और दिनभर हुए विविध अनुष्ठानों में बढ़-चढ़ कर उत्साह दिखाया।

शोभायात्रा में थिरके कदम


सुबह विश्वनाथ महादेव मंदिर से पोथी एवं कलश यात्रा निकली। इसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने पोथी को धारण किया। शोभायात्रा में 851 श्रद्धालुओं ने मस्तक पर कलश धारण किए हुए थे। शोभायात्रा गोकुलधाम वाटिका पहुंची। मार्ग में जगह-जगह भक्त भजन-संकीर्तन के साथ चल रहे थे। श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा पर पुष्प वृष्टि करते हुए धर्म का जयकारा लगाया। कथा में गिरि बापू के आगमन पर व्यास पीठ पर मुख्य यजमान चन्द्रका बहन इन्दुलाल पण्ड्या ने स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन प्रियकांत पण्ड्या एवं कन्हैयालाल भट्ट ने दिया।

चिन्ता नहीं चिन्तन करें


कथा के पहले दिन बापू ने कहा कि जीवन में चिंता को छोड़कर चिंतन करना चाहिए। मनुष्य स्व, राष्ट्र उत्थान के लिए चिंतन करेगा, तो ही राष्ट्र उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होगा। स्वयं के श्रेष्ठ बनने पर ही जीवन श्रेष्ठ बनेगा। कथा में आने पर मनुष्य को चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति मिलती है। कथा आयोजक भूपेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि त्रिमेस के संभागीय अध्यक्ष टीआर जोशी, हंसमुख पण्ड्या, जगदीश पण्ड्या, नरेन्द्र उपाध्याय, ललित पण्ड्या,रमेश त्रिवेदी, मुकेश पण्ड्या आदि शामिल हुए।

आहुतियों से सुवासित


सुबह साढ़े पांच बजे महारुद्र हुआ। मुख्य आचार्य गजानद भट्ट, चन्द्रशंकर, नदंलाल शास्त्री ने मंत्रोच्चारण किया। सर्वशांति की कामनार्थ नवकुण्डीय यज्ञशाला में आहुतियां समर्पित की। नरेन्द्र उपाध्याय, अशोक उपाध्याय, देवेन्द्र पण्ड्या, जितेन्द्र पण्ड्या, कन्हैयालाल उपाध्याय, राजेन्द्र वासुदेव त्रिवेदी, राजेन्द्र व विपीन शर्मा, गोपाल त्रिवेदी पुष्पा पण्ड्या ने आहुतियां दीं।

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