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छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का कहर, अकेले दुर्ग जिले में सामने आए 14 नए मरीज, BSP कर्मी की मौत

Black fungus in Chhattisgarh: दुर्ग जिले में Black fungus (म्यूकोरमाइकोसिस) तेजी से पांव पसार रहा है। जिले में धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़कर 14 तक पहुंच गई है।

दुर्गMay 15, 2021 / 11:14 am

Dakshi Sahu

छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का कहर, अकेले दुर्ग जिले में सामने आए 14 नए मरीज, BSP कर्मी की हुई है मौत

छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का कहर, अकेले दुर्ग जिले में सामने आए 14 नए मरीज, BSP कर्मी की हुई है मौत

भिलाई. दुर्ग जिले में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) तेजी से पांव पसार रहा है। जिले में धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़कर 14 तक पहुंच गई है। इनमें से कुछ मरीजों को निजी तो कुछ का एम्स रायपुर में उपचार चल रहा है। एम्स में ब्लैक फंगस के 23 मरीज भर्ती हैं। जिनमें भिलाई के सात और दुर्ग के छह मरीज शामिल हैं। वहीं दो मरीज राजनांदगावं और एक मरीज कबीरधाम जिले का रहने वाला है। दुर्ग जिले में मंगलवार को ब्लैक फंगस से पीडि़त बीएसपी कर्मचारी की मौत के बाद हड़कंप मच गया था। यह न सिर्फ दुर्ग बल्कि छत्तीसगढ़ में भी ब्लैक फंगस से पहली मौत थी। जिसके बाद प्रशासन ने ब्लैक फंगस (Mucormycosis) की दवाइयों और उपचार के लिए गाइडलाइन जारी किया है। ब्लैक फंगस कोरोना की तरह संक्रामक नहीं तो नहीं है लेकिन जानलेवा जरूर है।
दुर्ग जिले के चिकित्सकों के मुताबिक भिलाईटाउनशिप और पटरीपार से यह सभी केस हैं। इन मरीजों में एक मरीज शुरूआत में ही नेत्ररोग विशेषज्ञ के पास आ गया। उसका उपचार किया जा रहा है। वहीं शेष तीन दूसरे स्टेज में पहुंच गए हैं, जिसकी वजह से चिकित्सक ने उन्हें अस्पताल में दाखिल होने कहा है। इसी तरह से एक अन्य बीएसपी कर्मचारी भी इससे प्रभावित है। वह निजी अस्पताल में ऑपरेशन करवाने की तैयारी में है। मंगलवार को सेक्टर-9 अस्पताल में इस रोग से पीडि़त एक बीएसपी कर्मी की मौत हुई थी।
मधुमेह के रोगियों को अधिक खतरा
चिकित्सकों को मुताबिक ब्लैक फंगस (काली फफूंद) का शिकार वे हो रहे हैं जो पहले से शुगर के मरीज हैं। इसके बाद कोरोना संक्रमित हो गए। कोरोना की दवा खाने और ऑक्सीजन के सहयोग से वे ठीक जरूर हो रहे हैं, लेकिन तब उन्हें ब्लैक फंगस ने घेर लिया है। अब उन्हें इस बीमारी से जूझना पड़ा रहा है। यह बेहद खतरनाक रोग है। समय पर अगर इसका उपचार नहीं किया गया तो ऑपरेशन करने की नौबत आ जाती है। कभी आंख के पीछे तो कभी जबड़ा निकालकर ब्लैक फंगस का निदान करना पड़ता है। इलाज में अधिक देरी करने से यह दिमाग तक पहुंच जाता है और मरीज की मौत भी हो सकती है।
कसी कमर
कोरोना से जूझ रहे छत्तीसगढ़ सरकार ने अब नई बीमारी म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस से निपटने के लिए कमर कस लिया है। यह दुर्लभ किस्म की बीमारी कोरोना से उबरे मरीजों में तेजी से पनप रही है। इसका प्रकोप भिलाई के टाउनशिप और पटरीपार में भी देखने को मिल रहा है। इस बीमारी से अंधेपन का खतरा रहता है।
इक्का-दुक्का मरीज मिलते थे इस वजह से दवा हैं महंगी
ऐसे रोग जो पूरे देश में इक्का-दुक्का मिलते हैं, उनकी दवाएं कम ही होती है। जिसके कारण उनकी दवाओं की कीमत अधिक होती है। ब्लैक फंगस की दवाएं व इंजेक्शन भी महंगे होते हैं। इस वक्त दवाओं की किल्लत है जिसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन हरकत में आया है। चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर दुर्ग को निर्देश दिया गया है। वहीं चिकित्सकों को इसके संबंध में सीनियर डॉक्टर जानकारी भी दे रहे हैं।
कोरोना के कारण मरीज का शुगर हो जाता है अनियंत्रित
चिकित्सकों का कहना है कि शुगर के मरीज अगर कोरोना पॉजिटिव हो जाते हैं तब उनको कोरोना की दवा द जाती है। कोरोना की दवा से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिसके बाद इन मरीजों का शुगर अनियंत्रित हो जाता है। इसके बाद वे ऑक्सीजन के सपोर्ट में रहते हैं। वहां से वे ठीक होकर लौट जाते हैं। तब कुछ मरीज ब्लैक फंगस से संक्रमित हो जाते हैं। जिसमें उनका साइनस, दिमाग, आंख और फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है। अंधे होने के साथ-साथ मरीज के मौत होने की आशंका भी रहती है।
जानिए-क्या हैं ब्लैक फंगस के लक्षण (mucormycosis symptoms)
चिकित्सकों के मुताबिक ब्लैक फंगस ज्यादातर उन मरीजों में देखा जा रहा है जो मधुमेह या डायबिटीज के रोगी हैं। ऐसे मरीजों को अपना शुगर का स्तर नियंत्रण में रखना चाहिए। म्यूकोरमायकोसिस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंखों में दर्द, आंख का लाल होना, नाक बंद या साइनस और देखने की क्षमता पर आंशिक रूप से असर शामिल है। इन लक्षणों को हल्के में न लें, तुरंत ही डॉक्टर से कंसल्ट करें, जिससे शुरुआत में ही इसका इलाज हो सके। इसका समय पर उपचार नहीं होने से यह मस्तिष्क में असर करता है जिससे मरीज की जान भी जा सकती है।
चिकित्सकों का प्रशिक्षण शुरू
डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर, दुर्ग ने कहा कि ब्लैक फंगस केस के बारे में चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर ने अवगत करवाया है। उसकी विस्तृत जानकारी लेने सीएमएचओ को अधिकृत किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक जरूरी दवाएं समेत सभी उपाय किए जा रहें है। सभी चिकित्सकों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। फंगस का इंफेक्शन न हो इसके लिए जो सपोर्ट चाहिए वह उपलब्ध करवाया जाएगा।
ब्लैक फंगस के सप्ताहभर में आए चार मरीज
डॉक्टर बीपी शर्मा, नेत्ररोग विशेषज्ञ, भिलाई ने बताया कि सप्ताहभर के भीतर ब्लैक फंगस के 4 मरीज आ चुके हैं। जिसमें से एक प्रारंभिक स्टेज में व अन्य आगे स्टेज में पहुंच चुके हैं। इसलिए उनको हॉस्पिटल में दाखिल होने की सलाह दी गई है। कोरोना से संक्रमित मरीजों को खासकर जो शुगर पेसेंट हैं, वे शुगर नियंत्रण रखने में खास ध्यान दें।
40 साल से इस पेशे में हूं पहले कभी नहीं देखा
डॉ. बीआर कोसरिया,नेत्ररोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल, दुर्ग ने बताया कि चालीस साल से इस पेशे से जुड़ा हूं। अब तक अपने कार्यकाल के दौरान मैंने ब्लैक फंगस की शिकायत लेकर आने वाले मरीज को नहीं देखा। कोरोना की पहली लहर में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने नहीं आए थे। दूसरी लहर में इसके रोगी सामने आ रहे हैं। शुगर के मरीजों को अपना इस वक्त खास ध्यान रखना होगा।

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