तुक्केबाजी और शॉर्टकट से सफलता मिलना लगभग असंभव है। वहीं, सफलता के लिए आपके अपनो का साथ भी बेहद जरूरी है। मेरा गोल जेईई था, जिस अब हासिल कर लिया है। शुरुआत में अकसर टेस्ट खराब जाते तो म?मी-पापा पास बैठाकर समझाते, उन्होंने काफी मोटिवेट किया है। मेरी प्रीपरेशन अभी जारी है, ऐसे में हमारा पूरा परिवार कुछ सालों से कहीं घूमने नहीं गया। रोजाना सात से आठ घंटों की पढ़ाई अब डेली रुटिन का हिस्सा रही है।