7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

57 हजार परिवारों को नसीब नहीं 55 लीटर साफ पानी, जल जीवन मिशन का बुरा हाल

जिले के 57 हजार से ज्यादा परिवारों को पीने के लिए 55 लीटर साफ पानी नसीब नहीं हो रहा है। यह तब है जब 240 करोड़ से जल जीवन मिशन के तहत हर घर साफ पानी पहुंचाने के मुहिम पर काम किया जा रहा है। प्रोजेक्ट को शुरू होकर 5 साल बीतने को है। इस दिसंबर इसकी मियाद पूरी हो जाएगी, लेकिन अब तक महज 95 हजार घरों में नल कनेक्शन पहुंच पाया है। प्रोजेक्ट पर काम पूरा हो जाने पर जिले के हर घर में कम से कम 55 लीटर पीने योग्य साफ पानी नल कनेक्शन के माध्यम से पहुंचने का दावा है।

2 min read
Google source verification
57 हजार परिवारों को नसीब नहीं 55 लीटर साफ पानी, जल जीवन मिशन का बुरा हाल

5 साल में पहुंचा पाए केवल 95 हजार घरों में नल कनेक्शन

केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 तक जल जीवन मिशन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल से वंचित हर परिवार तक नल कनेक्शनों के माध्यम से कम के कम 55 लीटर शुद्ध जल पहुंचाने की योजना बनाई है। इसी के तहत जिले में भी 240 करोड़ के काम स्वीकृत किए गए हैं। जिले के 385 ग्राम पंचायतों के करीब 1 लाख 53 हजार 476 परिवार हैं। जल जीवन मिशन के तहत इन परिवारों के घरों तक नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध जल पहुंचाने हर गांव के लिए कोई न कोई प्रोजेक्ट स्वीकृत है। वर्ष 2019 से इन पर काम शुरू किया गया है। केंद्र के निर्देश के मुताबिक इस साल के अंत यानी दिसंबर तक कार्य पूरा कर लिया जाना है, लेकिन जिले के प्रशासनिक अमले के लेटलतीफी के कारण केवल 316 प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पाया है। इनमें से भी अधिकतर कार्य आधे-अधूरे हैं।


लक्ष्य - हर घर को 55 लीटर शुद्ध पानी
जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ शासन ने वर्ष 2023 तक सभी बसाहटों में गुणवत्तायुक्त पेयजल प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत ग्रुप प्रोजेक्ट्स के साथ योजना के सभी कार्यों के लिए दिसंबर तक का मियाद तय किया गया है। प्रोजेक्ट्स पर काम के बाद नए साल से हर परिवार को कम से कम 55 लीटर पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।


स्थिति - केवल 62 फीसदी घरों में कनेक्शन
मिशन के तहत ग्रुप प्रोजेक्ट के अलावा एक विलेज योजना व रेट्रोफिटिंग के भी काम कराए जा रहे हैं। इन तमाम कामों से अब तक महज 79 हजार 830 नल कनेक्शन ही दे पाए हैं। इनमें से अधिकतर कनेक्शन भी रेट्रोफिटिंग वाले प्रोजेक्ट के हैं। मिशन के पहले के 15 हजार 702 नल कनेक्शनों को मिला तो इस समय ग्रामीण क्षेत्र के केवल 95 हजार 532 यानी 62 फीसदी घरों को नल का पानी मिल रहा है।


248 गांवों के इंटकवेल तक नहीं बने
जिले में 9 समूह योजना पर काम कराया जा रहा है। इन प्रोजेक्ट्स से 248 ग्रामों को नदी से लिफ्ट कर पानी पहुंचाया जाना है। चंदखुरी, निकुम, पथरिया, भटगांव-जेवरा सिरसा, अमलेश्वर, कौही, ओदरागहन, अंजोरा-ढाबा और मोतीपुर समूह जल प्रदाय योजना इसमें शामिल है। इन प्रोजेक्ट्स में से आधे के टेंडर अटके हुए हैं। वहीं केवल 4 में काम शुरू हुए हैं, लेकिन यहां भी अब तक इंटकवेल भी नहीं बनाया जा सका है।


आठ जिले में हमसे ज्यादा कनेक्शन
कनेक्शनों की संख्या के लिहाज से जिला प्रदेश के सात जिलों के काफी चल रहा है। इनमें रायपुर 129464, धमतरी 118098, राजनांदगांव 157976, कवर्धा 103540, जांजगीर चापा 190282, महासमुंद 104537, बलौदाबाजार 107793, रायगढ़ 124327 नल कनेक्शन शामिल है। हालांकि घरों की संख्या और नल कनेक्शन के प्रतिशत में धमतरी और रायपुर के बाद जिला दूसरे नंबर पर है।