दुर्ग व पाटन ब्लॉक में सितंबर में मुआवजा की गणना कर सॉफ्टवेयर लॉक कर दिया गया था। बाद में गणना में त्रुटियों के लेकर आपत्ति के बाद एनएच में सुधार के लिए प्रपोजल लौटा दिया। अफसरों ने गणना में खसरा नंबर, राशि का निर्धारण, रकबा, परिसंपत्तियों की कीमत में त्रुटियां कर दी थी। इसमें अब सुधार कर वापस प्रपोजल भेजा गया है।
पाटन ब्लॉक के पतोरा से लेकर सिपकोन्हा के खारून नदी तट तक 14 गांवों से होकर यह सड़क गुजरेगी। इन गांवों के 714 किसानों के करीब 150 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित किया जाएगा। इसके लिए इन किसानों को करीब 275 करोड़ रुपए मुआवजा भुगतान किया जाएगा।
सड़क के लिए दुर्ग ब्लॉक के 12 गांव के 635 किसानों की 113.31 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। अफसरों ने यहां जमीन के एवज में मुआवजा की गणना पहले ही कर ली है। यहां के किसानों को 205 करोड़ से ज्यादा मुआवजा मिलेगा।
रायपुर व राजनांदगांव में भी पहले ही मुआवजे का निर्धारण कर लिया गया है। राजनांदगांव के 2 गांव के 61, रायपुर के अभनपुर ब्लॉक के 15 गांव के 527 और आरंग ब्लॉक के 19 गांव के 393 किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इन्हें 419 करोड़ मुआवजा भुगतान किया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का राज्य में केंद्रीय योजनाओं के लिए मुआवजा के संबंध में पहले से ही दिशा निर्देश है। इस आधार पर कलेक्टर गाइड लाइन की दर से 2 गुना राशि में 100 प्रतिशत सोलेशियम जोड़कर मुआवजा तय किया गया। इसके अलावा परिसंपत्तियों व व्यवस्थापन राहत की गणना अलग से की गई है।
जेके वर्मा, प्रभावित किसान व अधिवक्ता ने बताया किसिक्सलेन सड़क को लेकर जिला प्रशासन व नेशनल हाइवे के अधिकारी गंभीर नहीं हंै। जमीन अधिग्रहण को करीब 22 माह हो गए, लेकिन मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है। खसरा ब्लॉक होने के कारण किसान जरूरत के बाद भी शेष जमीन का उपयोग व बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। जल्द भुगतान हो। दुर्ग एसडीएम केएल वर्मा ने बताया कि मुआवजा भुगतान के लिए नियमानुसार जमीन व परिसंपत्तियों का मूल्यांकन कर मुआवजे का निर्धारण कर लिया गया है। त्रुटियां में भी सुधार कर प्रपोजल भेज दिया गया है। विलंब की अवधि के लिए ब्याज का प्रपोजल भी भेजा गया है। किसी भी किसान को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।