
CG Alert: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भारत सरकार ने मंकी पॉक्स के बचाव व रोकथाम के लिए एडवायजरी जारी की है। मंकी पॉक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पब्लिक हेल्थ एमरजेन्सी ऑफ इंटरनेशनल कान्स (पीएचईआईसी) घोषित किया है। कई देशों में संक्रमण के प्रसार को देखते हुए भारत सरकार ने भी सर्वेलेंस, जांच के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसी के मद्देनजर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज दानी और जिला सर्वेलेंस अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे ने मंकीपॉक्स क्या हैै और इससे बचने के उपाय संबंधी सुझाव दिए हैं।
चिकित्सों के अनुसार मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक डिसीस है, जो अफ्रीका के मध्य व पश्चिम भाग में पाए जाते हैं। बुखार, सरदर्द, शरीर में दर्द, कमजोरी लगना, लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण पाए जाते हैं। पंकी पॉक्स एक स्व-सीमित संक्रमण है, जिसके लक्षण सामान्यत: 2 से 4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं। मनुष्य से मनुष्य में सं₹मण मुख्य रूप से बड़ी श्वसन बूंदे के माध्यम से सं₹मित व्यक्ति के निकट संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों को होता है।
लक्षण आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क कर सलाह लें। संक्रमित व्यक्ति से दूसरे को संक्रमित होने से बचाव के लिए खुद को घर पर आइसोलेट करके रखे। नियमित तौर से साबुन व पानी से हाथों धोएं विशेषकर चकते को छूने के उपरांत। फफोलों या घाव को न फोड़ें, ऐसा करने से दाने शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है और घाव को संक्रमित कर सकता है। फफोलों या घाव वाले क्षेत्रों को तब तक सेव न करें जब तक की फफोलों की पपड़ी ठीक न हो जाए और उसके नीचे नई त्वचा न आ जाए।
Published on:
05 Sept 2024 02:50 pm
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