23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

देव दीपावली: सदानीरा शिवनाथ की निर्मल धारा में दीपदान देकर जताएंगे यहां लोग आभार, गुरुद्वारों में भी प्रकाश उत्सव

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर शनिवार को श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में स्नान कर दीपदान करेंगे।

2 min read
Google source verification

दुर्ग

image

Dakshi Sahu

Nov 03, 2017

sivnath

भिलाई. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर शनिवार को श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में स्नान कर दीपदान करेंगे। शिवनाथ नदी के तट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगेगी। नदी तट पर मेले मेला भी लगेगा जिसकी तैयारी शुरू हो गईहै। कार्तिक पूर्णिमा जिसे देव दीपावली के नाम सेभी जाना जाता है। इस अवसर पर लोग घरों में दीपमालाएं कर भगवान विष्णु का आह्वान करेंगे।

इसके साथ ही शहर के मंदिरों में भी विशेष आयोजन होंगे। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर ही सिख समाज पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी का 548 वां प्रकाशपर्व भी मनाएगा।इस मौके पर गुरुदारों में दो दिन पहले ही विशेषरौशनी की गईहै। अखंड पाठ की शुरुआत भी हो चुकी है।शनिवार को इसकी समाप्ति के बाद शबद कीर्तन का कार्यक्रम होगा। जिसके बाद लंगर भी बरताया जाएगा।

होगा क्षीरसागर दान
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु ने अपने पहले अवतार यानी मत्सय रूप धारण किया था वहीं महादेव ने आज ही के दिन त्रिपुरासुर नाम के असुर का वध किया था जिसे ब्रह्मा का वरदान मिला था। त्रिपुरासुर के वध के बाद महादेव को त्रिपुरारी के नाम से भी पुकारा जाने लगा।

इस दिन गंगा स्नान का महत्व है। जो लोग गंगा तक नहीं पहुंचपाते वे स्थानीय पवित्र नदियों में स्नान कर दीप दान करते हैं। इस दिन क्षीरसागर दान भी किया जाता है जिसमें बर्तन में 24 उंगल तक ऊंचाई तक दूध भरकर उसमें सोने या चांदी की मछली डालकर उसका दान किया जाता है।

देवताओं ने मनाया था उत्सव
देवउठनी एकादशी के बाद से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक देवताओं ने पांच दिन का उत्सव मनाया था।देव उठनी एकदाशी के दिन क्षीरसागर में भगवान विष्णु लंबी निद्रा के बाद जागे थे और पूर्णिमा के दिन वे देवलोक पहुंचते हैं। जहां उनके आगमन पर सभी देवी-देवताओं ने दीपमाला जलाकर उनका स्वागत किया था।

इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहा जाता है। उपं उमेश भाई जानी ने बताया कि उन्होंने बताया कि इस पूर्णिमा को सबसे बड़ी पूर्णिमा माना जाता है।इसमें तीर्थ स्नान का बड़ा महत्व है। पवित्र नदियों में आज के दिन स्नान करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

सजेगा विशेष दीवान
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर शहर के एकदर्जन से ज्यादा गुरुद्वारों में प्रकाशपर्व मनाया जाएगा।इस मौके पर शनिवार की रात 12 बजे आतिशबाजी के साथ पुष्पवर्षा भी की जाएगी। माना जाता है कि गुरुनानक देव जी का जन्म रात 12 बजे हुआथा। सुबह से ही गुरुद्वारों में चल रहे अखंड पाठ की समाप्ति के बाद शबद कीर्तन होगा। जिसके बाद पंगत के जरिए संगत की सेवा भी की जाएगी।जगह-जगह लंगर का भी आयोजन किया जाएगा।

विश्व कल्याण के लिए दीपदान
सर्वधर्म समभाव और विश्वकल्याण की भावना के साथ देश के जवानों के नाम सेक्टर 2 की सड़क 24 में दीप जलाएं जाएंगे। सिद्ध श्री निकंदनराज दरबार के अरविंद पुरी ने बताया कि इस दीपदान महोत्सव से पहले दोपहर 1 बजे से सुंदरकांड का पाठ होगा।शाम गोधुली बेला में कोईभी व्यक्ति यहां आकर अपने आराध्य देव, गुरुजन, परिजनों, देश-प्रदेशकी खुशहाली के नाम दीप प्रज्जवलित कर सकता है।