20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिले की राजनीति के केंद्र में गौठान – भाजपाई खोज रहे खामियां तो युकांई कर रहे श्रमदान

सरकार के अहम प्रोजेक्ट गौठान पर इन दिनों जमकर राजनीति चल रही है। भाजपाइयों ने सरकार को उसके ही ड्रीम प्रोजेक्ट पर घेरने की रणनीति के तहत पूरे प्रदेश में गौठान जाबो अभियान शुरू किया है। इसके तहत भाजपाई गौठानों में जाकर खामियां ढूंढ रहे हैं। इसके जवाब में कांग्रेस की ओर युकांइयों ने मोर्चा थामा है। युकां ने गौठान जाबो के जवाब में मोर गौठान मोर अभिमान अभियान शुरू किया है। इसके तहत युकांई गौठानों में जाकर वहां काम कर रहे लोगों को सम्मानित कर रहे हैं और उनके साथ मिलकर श्रमदान कर रहे हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
जिले की राजनीति के केंद्र में गौठान -  भाजपाई खोज रहे खामियां तो युकांई कर रहे श्रमदान

भाजपाई खोज रहे खामियां तो युकांई कर रहे श्रमदान

प्रदेश में नवंबर में विधानसभा के चुनाव संभावित है। इसे देखते हुए कांग्रेस भाजपा दोनों ने ही चुनावी अभियान शुरू कर दिया है। फिलहाल विपक्षी दल भाजपा आक्रामक तेवर में है और सरकार की खामियां खोजकर जनता के सामने ले जाने की मुहिम चला रही है। इसी के तहत इन दिनों ग्रामीण इलाकों में बनाए गए गौठानों में फोकस किया जा रहा है। इसके लिए लगभग सभी नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है। नेता गौठान में जाकर खामियां ढूंढ रहे हैं और इस पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। गौठान के मामले में बचाव की मुद्रा में चल रही कांग्रेस का मोर्चा युवाओं ने संभाला है। युकांई गौठान में जाकर श्रमदान कर रहे हैं।


भाजपा का आरोप भ्रष्टाचार
जिले के तमाम प्रमुख नेता करीब सप्ताहभर से गौठानों में हैं। इसके साथ ही गौठानों में अव्यवस्था, मवेशी व चारा की अनुपलब्धता, निर्माण कार्य में गड़बड़ी, देखभाल के नाम पर कांग्रेस समर्थकों को उपकृत करने जैसे मुद्दे सामने लाकर सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। भाजपा नेताओं के मुताबिक सरकारी धन का दुरूपयोग कर जमकर भष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है।


युकांई उठा रहे सवाल
इधर भाजपा के जवाब में गौठान का रूख कर रहे युकांई भाजपा नेताओं ग्रामीण व्यवस्था को लेकर ज्ञान पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश में खरीफ की फसल के बाद मवेशियों को खुला छोड़ देने की परंपरा है। भाजपाइयों को संभवत: इसका ज्ञान नहीं है। लिहाजा वे गौठान में मवेशी खोज रहे हैं। युकांइयों का कहना है खरीफ की बोनी के बाद रोका-छेका होता है। भाजपाइयों को इसके बाद गौठान देखना चाहिए।