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क्लीन सिटी: देश के 4 हजार शहरों को पछाड़कर दुर्ग ने लगाई ऊंची छलांग, भिलाई17 वें पायदान पर फिसला

locationदुर्गPublished: Jun 24, 2018 10:19:50 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

स्वच्छता की रैंकिंग में शहर को बड़ी कामयाबी मिली है। पिछली बार 500 शहरों की रैंकिंग में हम 85 वें नंबर पर पिछड़ गए थे।

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क्लीन सिटी: देश के 4 हजार शहरों को पछाड़कर दुर्ग ने लगाई ऊंची छलांग, भिलाई17 वें पायदान पर फिसला

दुर्ग . स्वच्छता की रैंकिंग में शहर को बड़ी कामयाबी मिली है। पिछली बार 500 शहरों की रैंकिंग में हम 85 वें नंबर पर पिछड़ गए थे। इस बार 4000 शहरों की प्रतिस्पर्धा में शहर देश के टॉप 38 क्लीन सिटी के लिस्ट में शामिल हो गया है। प्रदेश की रैंकिंग में भी हम टॉप-४ की स्थिति बरकरार रखने में सफल रहे। पहली बार देशभर के 4000 शहरों की स्वच्छता को लेकर प्रतिस्पर्धा कराई गई। इसकी रैंकिंग शनिवार को घोषित की गई।
एकमुश्त 47 रैंक की उछाल
इस बार रैंकिंग में शहर को 47 रैंक की उछाल मिली है। इसके चलते शहर रैंकिंग में 85 से सीधे 38 वें स्थान पर पहुंच गया। पिछली बार हम 39 रैंक फिसल गए थे। इस बार रैंकिंग में दुर्ग को निर्धारित 4000 अंकों में से २९७२.४१ अंक मिले।
तीन साल में रैंकिंग सबसे बेहतर
मिशन के तहत यह तीसरी रैंकिंग है। वर्ष 2016 में 100 शहरों की प्रतिस्पर्धा में हम 46 वें रैंक पर थे। वर्ष 2017 में 500 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा में 85 वें नंबर पर पहुंच गए। इस बार 4000 शहरों की रैंकिंग में 38 वां नंबर मिला। यह शहर की अब तक सबसे बेहतर स्थिति है।
प्रदेश में नहीं बढ़ी रैंकिंग
देश की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार के बाद भी हम प्रदेश की रैंकिंग में उछाल हासिल नहीं कर पाए। एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की रैंकिंग में पिछली बार भी हम चौथे नंबर पर थे। इस बार भी रैंकिंग में अंबिकापुर बिलासपुर और कोरबा हमसे आगे हैं। महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने बताया कि स्वच्छता को लेकर हमारे काम को राज्य में नहीं नेशनल लेबल पर सराहा गया है। ताजा रैंकिंग सबके मिल-जुलकर किए गए प्रयास का नतीजा है। आगे भी बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।
कमिश्नर दुर्ग एसके सुंदरानी ने बताया कि 4000 शहरों की प्रतिस्पर्धा में 38 नंबर पर होना बड़ी उपलब्धि है। इसमें सबका सहयोग है। मैदानी कर्मचारी और कचरा कलेक्शन में लगी महिलाओं को योगदान उल्लेखनीय रहा। आगे और भी बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।
दुर्ग यहां है मजबूत
सूखा व गीला कचरा रखने 56 हजार घरों में डस्टबिन बांटे गए।
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्ट करने 453 महिला कर्मियों की नियुक्ति
शहर के अलग-अलग हिस्सों में कचरा कलेक्शन सेंटर।
जीरो वेस्ट के तहत रिसाइकिलिंग व प्रोसेसिंग पर जोर।
शहर में 41 ओडीएफ स्पॉट, 50 पब्लिक व 5 कम्यूनिटी टॉयलेट
सड़क पर अथवा खुले में कचरा फेंकने वालों पर निगरानी
रैग पिकर्स को अभियान से जोड़कर रिसाइकिलिंग को बढ़ावा
20 वार्ड, पॉश कालोनियां, धार्मिक स्थल जीरो वेस्ट
– 300 दुकानों से नहीं निकलता कोई भी कचरा।
– सभी सरकारी स्कूल व दफ्तर जीरो वेस्ट
भिलाई की यहां है कमजोरी
भारत सरकार की गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया। शिकायतों का समय पर निराकरण और स्वच्छता दूत, स्वच्छ स्कूल, वार्ड और कॉलोनी की घोषणा किया जाना था।
भारत सरकार की क्यूसीआई टीम आई तो सफाई ठेका से संबंधित उचित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया।
ऑन स्पॉट फोटोग्राफ व बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से कामगारों की 100ीसदी उपस्थिति सुनिश्चत नहीं हो पाई।
सर्वेंक्षण करने पहुंची क्यूसीआई की टीम डुंडेरा से लौटते वक्त नेवई टे्रचिंग ग्राउंड पर कचरा जलते हुए देख लिया।
बीएसपी और निगम में समन्वय नहीं। शहर को स्वच्छ बनाने कभी समन्वित प्रयास नहीं किया।
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