
DDU-GKY scheme :दुर्ग. जिले में स्किल डेवेलपमेंट का बुरा हाल है। केंद्र की दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत अब तक लक्ष्य का 58 फीसदी युवाओं को भी ट्रेनिंग नहीं दे पाए हैं। अब तो 21 में से 15 ट्रेनिंग सेंटर ने इससे हाथ भी खींच लिया है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के गरीब युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाकर रोजगार से जोड़ने का प्रावधान है। इसके लिए युवाओं को मुफ्त आवासीय ट्रेनिंग के साथ प्लेसमेंट के जरिए क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा नौकरी मुहैया कराया जाता है। जिले में योजना के तहत पिछले तीन वर्ष में 2 हजार 388 ग्रामीण युवाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया था। इसके एवज में अब तक 1 हजार 377 को ही ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ा जा सका है। यह लक्ष्य का महज 57.66 फीसदी ही है।
अब ट्रेनिंग के लिए तैयार नहीं
बताया जा रहा है कि कई सेंटर्स कोरोना काल के बाद इन तीन सालों में एक भी युवा को प्रशिक्षण नहीं दे पाए हैं। वहीं कुछ सेंटर्स मे गिनती के युवाओं को प्रशिक्षण चालू हुआ था। जिन्हें भी बाद में प्रशिक्षण बंद करना पड़ा। ऐसे में सेंटर्स के संचालकों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है और वे ट्रेनिंग के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
इधर नए बैच की भी स्वीकृति नहीं
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत संचालित इस योजना के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ट्रेनिंग के लिए जिलेवार टार्गेट फिक्स किया जाता है। इस आधार पर युवाओं का रजिस्ट्रेशन कराकर ट्रेनिंग से जोड़ा जाता है। बताया जा रहा है कि कोरोना के बाद नए बैच की स्वीकृति भी नहीं मिली है।
इस साल केवल 41 को ट्रेनिंग
चालू वित्तीय वर्ष में अब तक योजना के तहत केवल 41 लोगों को ट्रेनिंग दिया जा सका है। इनमें डूमर तालाब महोबा बाजार रायपुर के ट्रेनिंग सेंटर में 26 और धनोरा दुर्ग के सेंटर में 15 युवा शामिल हैं। इनमें से धनोरा दुर्ग सेंटर भी अब बंद हो गया है। वहीं रायपुर का सेंटर एकमात्र है, जहां 25 युवाओं को ट्रेनिंग दिया जाना शेष है।
कोरोना ने बिगाड़ी गणित
अफसरों की मानें तो ट्रेनिंग और ट्रेनिंग सेंटर्स का गणित कोरोना के कारण गड़बड़ा गया है। कोरोना के कारण सेंटर्स को बंद रखा गया। ऐसे में उनके जरूरी संसाधनों और टीचर्स के वेतन के लिए कई महीनें तक जेब से खर्च करने की नौबत आ गई। इससे उनकी व्यवस्था गड़बड़ा गई और उन्होंने सेंटर्स के संचालन से हाथ खींच लिया।
3 साल में 15 सेंटर बंद
जिले के युवाओं को ट्रेनिंग के लिए योजना की शुरूआत में 21 सेंटर्स रजिस्टर्ड किए गए थे। इनमें से अब 15 सेंटर के संचालकों ने अपना प्रतिष्ठान बंद कर दिया है। इसके अलावा 5 सेंटर्स ने अपना टार्गेट पूरा कर लिया है और अब उनके लिए नए बैच की स्वीकृति नहीं है। वहीं केवल एक सेंटर इस समय रायपुर में संचालित है। जहां ट्रेनिंग के लिए 25 युवा प्रतीक्षारत हैं।
सेंटर्स का चयन और भुगतान से संबंधित सभी काम केंद्र द्वारा किया जाता है। कोरोना के कारण अधिकतर सेंटर्स फिलहाल बंद हैं। इससे कुछ परेशानी की स्थिति है।
- स्वप्निल ध्रुव, एपीओ जिला पंचायत दुर्ग
Published on:
21 Aug 2022 06:30 pm
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