खास बात यह है कि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने यह कहते हुए जमानत की मांग की थी कि अब तक की हुई गवाही में दुर्ग केन्द्रीय कारागार में निरुद्ध किम्सी जैन का नाम किसी भी गवाह ने नहीं लिया है, और न ही हत्या की वारदात में उसकी भूमिका को स्पष्ट किया है। इस मामले में पुलिस ने किम्सी के पति विकास जैन और चाचा अजीत सिहं को मुख्य आरोपी बनाया है।