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अभिषेक हत्याकांड: किम्सी जैन का जमानत आवेदन निरस्त

शंकरा गु्रप ऑफ कॉलेज के वाइस प्रेसिडेंट की हत्या की हत्या करने के षडय़ंत्र में शामिल किम्सी जैन का जमानत आवेदन न्यायालय ने खारिज कर दिया।

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Satya Narayan Shukla

Dec 14, 2016

Abhishek murder case: Kimsi Jain bail application

Abhishek murder case: Kimsi Jain bail application canceled

दुर्ग.
शंकरा गु्रप ऑफ कॉलेज के वाइस प्रेसिडेंट की हत्या की हत्या करने के षडय़ंत्र में शामिल किम्सी जैन का जमानत आवेदन न्यायालय ने खारिज कर दिया। उसका जमानत आवेदन स्वत: निरस्त हो गया। यह उसका दूसरा जमानत आवेदन था।


आवेदन स्वत: ही निरस्त
जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला के न्यायालय में प्रस्तुत जमानत आवेदन पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आवेदन पर बल ही नहीं दिया। आवेदन पर बल नहीं देने पर न्यायालय ने जमानत आवेदन को स्वत: ही निरस्त कर दिया।


किम्सी का नाम किसी भी गवाह ने नहीं लिया
खास बात यह है कि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने यह कहते हुए जमानत की मांग की थी कि अब तक की हुई गवाही में दुर्ग केन्द्रीय कारागार में निरुद्ध किम्सी जैन का नाम किसी भी गवाह ने नहीं लिया है, और न ही हत्या की वारदात में उसकी भूमिका को स्पष्ट किया है। इस मामले में पुलिस ने किम्सी के पति विकास जैन और चाचा अजीत सिहं को मुख्य आरोपी बनाया है।


आवेदन पर सुनवाई 20 को
पुलगांव पुलिस ने न्यायालय में एक आवेदन प्रस्तुत किया है। पुलिस ने अभिषेक मिश्रा के विसरा की मांग की है। पुलिस ने न्यायालय को जानकारी दी है कि विसरा को वह डीएनए टेस्ट के लिए सील कर औपचारिकता पूरी करेगी। पुलिस के इस आवेदन पर न्यायालय ने निर्देश को सुरक्षित रखा है।


न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत
विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा ने न्यायालय में धारा 173(8) के तहत आवेदन प्रस्तुत किया है। अभियोजक का कहना है कि पुलगांव पुलिस ने महत्वपूर्ण व्यक्ति सुमित्रा अग्रवाल से पूछताछ ही नहीं की है। जबकि अभिषेक को जब दफनाया गया तो सुमित्रा अपने बच्चों के साथ उसी मकान में रह रही थी। इसलिए पुलिस उस महिला को तलाश कर उससे पूछताछ करें।