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पुलिस की लाख समझाइश के बाद भी वकील ने एक के बाद एक 6 धमाकों से दहला दिया कोर्ट को

पटाखे की आवाज सुनकर सिटी कोतवाली के अधिकारी मौके पर पहुंचे और वकील को सख्त लहजे में चेतावनी दी। अधिवक्ता पटाखे फोड़कर वहां चला गया।

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दुर्ग

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Dakshi Sahu

Dec 09, 2017

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दुर्ग . पटाखे की तेज आवाज से न्यायालय और कलेक्टोरेट परिसर में खलबली मच गई। दोनों परिसर लगा हुआ है। एक अधिवक्ता ने प्रतिबंधित क्षेत्र न्यायालय परिसर में एक के बाद एक आधा दर्जन पटाखे फोड़कर हड़कंप मचा दिया। कुछ अधिवक्ताओं ने उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन समझाईश का असर नहीं हुआ।

पटाखे की आवाज सुनकर सिटी कोतवाली के अधिकारी मौके पर पहुंचे और वकील को सख्त लहजे में चेतावनी दी। अधिवक्ता पटाखे फोड़कर वहां चला गया। इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने अधिवक्ता अजय मिश्रा के खिलाफ धारा १८८ के तहत अपराध दर्ज किया है।

पुलिस के मुताबिक घटना दोपहर एक बजे की है। जिला न्यायालय के सभी कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसी बीच पुराने न्यायालय भवन के सामने से कलेक्टोरेट जाने वाली सड़क एक अधिवक्ता मिश्रा एटम बम (तेज आवाज वाले पटाखे) रखकर एक के बाद एक फोडऩे लगा।

आधे घंटे के भीतर उसने छह पटाखे फोड़े। बहुत से अधिवक्ता न्यायालय परिसर से बाहर निकलकर तमाशा देखने लगे थे। मौके पर पहुंची एक महिला पुलिस अधिकारी ने अधिवक्ता को यह कहते हुए समझाया कि शासन ने पटाखे फोडऩे पर बैन लगाया है। वैसै भी यह प्रतिबंधित क्षेत्र है। अगर दोबारा पटाखे फोड़े तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी।

देर शाम दर्ज की गई एफआईआर
समझाईश के बाद भी नहीं मानने और आदेश की अवहलेना करने पर सिटी कोतवाली पुलिस ने अधिवक्ता अजय मिश्रा के खिलाफ धारा १८८ के तहत एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस ने एफआईआर शाम सात बजे के बाद दर्ज किया। घटना के समय विशेष न्यायालय में बहुचर्चित ट्रेन हाईजेक मामले की सुनवाई चल रही थी। एहतियात के तौर पर एसआई युसूफ खान व अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।

धमाके की आवाज सुनते ही एसआई ने अपने साथियों के साथ घटना स्थल पहुंचकर अधिवक्ता को चेतावनी दी। सिटी कोतवाली टीआई भावेश साव ने बताया कि न्यायालय प्रतिबंधित क्षेत्र है। शोर शराबा, नारेबाजी करना और पटाखा फोडऩा प्रतिबंधित रहता है। वैसे भी वर्तमान में शासन ने पटाखे पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसलिए अधिवक्ता अजय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

खुशी में फोड़े पटाखे
जानकारी के मुताबिक अधिवक्ता अजय मिश्रा फैमिली कोर्ट में काउंसलर थे। प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें काउंसलर पद से हटा दिया था। अधिवक्ता ने प्रधान न्यायाधीश के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अधिवक्ता को राहत देते हुए काउंसलिंग करने का आदेश दिया। इसी आदेश को लेकर अधिवक्ता न्यायालय पहुंचा था। माना जा रहा है कि हाईकोर्ट में अपने पक्ष में फैसला आने की खुशी में उसने पटाखे फोड़े।