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गूगल के नक्शे में जल्द दिखेगी भिलाई आईआईटी

कुटेलाभाठा भिलाई में प्रदेश का पहला शीर्ष तकनीकी संस्थान आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी) अब गूगल के नक्शे पर भी दिखाई देगा।

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Satya Narayan Shukla

Jun 18, 2016

 Google maps will show soon in our IIT

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दुर्ग.
कुटेलाभाठा भिलाई में प्रदेश का पहला शीर्ष तकनीकी संस्थान आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी) अब गूगल के नक्शे पर भी दिखाई देगा। इसके लिए डीजीपीएस (डिफरेन्शियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से प्रस्तावित जमीन की मैपिंग शुरु हो गई है। शुक्रवार को रायपुर के टेक्नीकल एक्सपटर््स की टीम ने राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मैपिंग शुरू किया।


जमीन की मैनुअली नापजोख

आईआईटी का निर्माण कुटेलाभाठा में बीएसपी के हेचरी की 349 एकड़ जमीन पर होगा। जिला प्रशासन ने प्रस्तावित जमीन की मैनुअली नापजोख कर लिया है। जमीन की पहचान के लिए करीब 500 फेंसिंग पोल गड़ाकर चिन्हित भी किया गया है। जमीन की हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्णकरा ली गई है। टीम आईआईटी के प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन व हॉस्टल आदि का ब्लू-प्रिट तैयार करेगी।


डीजीपीएस से मैपिंग

एमएचआरडी ने डीजीपीएस सिस्टम से जमीन की मार्किंग कर रहा है। इसी के तहत सेटेलाइट से मैपिंक शुरू किया गया है। आईआईटी के लिए प्रस्तावित जमीन की डीजीपीएस से मैपिंग में सहयोग के लिए जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार हरिओम द्विवेदी के नेतृत्व में दो आरआई व छह पटवारियों की टीम लगाई गई है। रायपुर से दो टेक्नीकल एक्सपर्ट भी शामिल हैं। मैङ्क्षपग चार दिन में पूरा कर लिए जाने की उम्मीद अफसरों ने जताई है।


मैपिंग के बाद होगा गूगल मैप में फीड

जमीन का डीजीपीएस सिस्टम से मार्किंग के बाद नक्शे को गूगल मैप में फिड कर दिया जाएगा। डीजीपीएस सिस्टम से मार्किंग के बाद जमीन के बेहद छोटे से हिस्से का भी हिसाब रखा जा सकेगा। सितंबर में पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी ने आईआईटी के लिए कुटेलाभाठा की जमीन का पहली बार निरीक्षण किया था। कमेटी के सदस्यों ने गूगल मैप पर भरोसा दिखाया था। जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए मैनुअल नक्शे के बजाए गूगल के नक्शे पर प्रस्तावित जमीन का मिलान किया था।


गूगल मैपिंग के बाद तैयार होगा ब्लू प्रिंट

डीजीपीएस सिस्टम से मार्किंग के बाद सेंट्रल की टेक्निकल टीम आईआईटी के भवन का ब्लू प्रिंट तैयार करेगी। इसके लिए टीम की जल्द आने की संभावना है। डीजीपीएस की मार्किंग को गूगल मैप से अटैच किया जाएगा और आधुनिक तकनीकी से इसका एनालिसिस कर ब्लू-प्रिंट तैयार किया जाएगा। आईआईटी के लिए प्रस्तावित जमीन का स्वरूप बिखराव वाला है। कई गांवों की सरहद लगा हुआ है। मैनुअली नापजोख में त्रुटि की हो सकती है। इस त्रुटि के चलते ब्लू-प्रिंट भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए डीजीपीएस सिस्टम से मार्किंग का निर्णय किया गया है।


गूगल में प्रस्तावित जमीन की मैपिंग

एसडीएम दुर्ग एके बाजपेयी ने कहा कि रायपुर के टेक्निकल एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है। इस मार्किंग के आधार पर गूगल में प्रस्तावित जमीन की मैपिंग की जाएगी। नक्शा कभी भी व कहीं भी देखा जा सकेगा।




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