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दिल्ली के बाद अब वामपंथियों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर दुर्ग में खोला मोर्चा

बुधवार को मानस भवन के निकट पंडाल के नीचे बैंठ संयुक्त रुप से अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला।

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दुर्ग

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Dakshi Sahu

Nov 22, 2017

Durg

दुर्ग . खेतिहर मजदूर, मजदूर यूनियन, भारतीय स्टील मजदूर संघ, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा और छत्तीसगढ़ मध्यान भोजन रसोईया संघ के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। बुधवार को मानस भवन के निकट पंडाल के नीचे बैंठ संयुक्त रुप से अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। १४ सूत्रीय मांगों को लेकर अलग अलग संगठन के पदाधिकारी एक ही पंडाल के नीचे एकत्र हुए थे।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे अपनी मांगों से राज्य सरकार को लंबे समय से
अवगत करा रहे हैं, लेकिन शासन उनकी मांगों पर विचार ही नहीं कर रही है। उनका कहना था कि उनकी मांग जायज है और वे उसे लेकर रहेंगे। मानस भवन के निकट पंडाल में बैठे अलग अलग संगठनों के सद्सयों ने एक से पांच नवंबर तक दिल्ली में वामपंथी संगठन के आंदोलन का समर्थन किया। साथ ही उनके सात सूत्रीय मांग को जल्द पूरी करने की मांग की। सभा को रमेश कुमार, विनोद कुमार, दुर्गा राम साहू, बसंत कुमार, अग्रहिजराम साहू व मानिक राम ने संबोधित किया।

संभाग आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शनकारियों ने अपनी १४ सूत्रीय मांग को लेकर रैली की शक्ल में हिन्दी भवन संभाग आयुक्त कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मांग पत्र संभाग आयुक्त बृजेश चंद्र मिश्र के नाम सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि अगर मांग उनकी पूरी नहीं हुई तो वे फिर से प्रदर्शन करेंगे।

१४ सूत्रीय मांग
१ दिल्ली में हुए महाधरना की सात सूत्रीय मांग को शासन जल्द पूरा करे। २ वर्ष२०१३,२०१४,२०१५ व २०१६ क ा धान बोनस शीघ्र किसानों को दिया जाए साथ ही कर्ज माफी किया जाए। ३ खरीफ सीजन २०१७ में किसानों को संपूर्ण कर्ज माफ। ४.सूखाग्रस्त इलाकों में राहत कार्य खुले। ५.२०१८ में किसानी कार्य के लिए कर्ज देने की व्यवस्था व प्रमाणित बीज की व्यवस्था की जाए। ६. संपूर्ण दुर्ग संभाग में सिंचाई का विस्तार किया जाए। ७. बेमेतरा, नादगांव, कबीर धाम व बलोद में उद्योगों की स्थापना की जाए। ८. खेतिहर व अन्य मजदूरों कोन्यूनतम मजदूरी दर दिलाया जाए।

९. मध्यान भोजन बनाने वाले रसोईयों को चतुर्थ वर्ग कर्मचारी घोषित किया जाए और कोटवार को कलक्टर दर दिया जाए। १० नीजि उपक्रमों में मजदूरों की छटनी प्रथा बंद हो। बाहर निकाले गए मजदूरों को वापस लिया जाए। ११. अघोषित बिजली काटना बंद किया जाए। एकल बत्ती कनेक्शन नि:शुल्क दिया जाए। १२. स्कूलों के खाली पद तत्काल भरा जाए वहीं शिक्षाकर्मियों को सामान कार्य सामान वेतन दिया जाए। १३. देहातों के अस्पतालों की स्थिति को सुधारा जाए साथ ही रिक्त पदो को भरा जाए। १४. पल्स एग्रोगेट कार्पोरेशन के निवेशकों की राशि ४९.१०० करोड़ रुपए को तीन माह के भीतर लौटाने की कार्यवाही पूरी की जाए।