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आवासीय पट्टे के लिए परिवार के सभी सदस्यों का नाम व आधार नंबर दर्ज हो

निगम और राजस्व विभाग की टीम खरीदी-बिक्री वाले पट्टे की जमीन का सर्वे कर रही है। बुधवार को कलेक्टर अंकित आनंद स्वयं टीम के साथ वार्ड-1 खम्हरिया बस्ती के घरों में जाकर स्थिति का जायजा लिया।

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दुर्ग

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Naresh Verma

Oct 23, 2019

आवासीय पट्टे के लिए परिवार के सभी सदस्यों का नाम व आधार नंबर दर्ज हो

आवासीय पट्टे के लिए परिवार के सभी सदस्यों का नाम व आधार नंबर दर्ज हो

भिलाई . निगम और राजस्व विभाग की टीम खरीदी-बिक्री वाले पट्टे की जमीन का सर्वे कर रही है। बुधवार को कलेक्टर अंकित आनंद स्वयं टीम के साथ वार्ड-1 खम्हरिया बस्ती के घरों में जाकर स्थिति का जायजा लिया। राजस्व अधिकारी अशोक द्विवेदी, उपायुक्त तरुण लहरे और जोन कमिश्नर को हर मकान का नजरी-नक्शा बनाने कहा। कर्मचारियों को फार्म में नाम और पता का उल्लेख करने के दौरान के परिवार के सभी सदस्य का नाम, आधार कार्ड नंबर स्पष्ट रूप से उल्लेख करने के निर्देश दिए। वहीं निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के साथ वार्ड-9 आर्य नगर और पुरानी कोहका, कोसा नगर में सर्वे टीम के कर्मचारियों से चर्चा भी की।

भिलाई में 12 हजार से अधिक पट्टे की जमीन की हो चुकी है खरीदी- बिक्री
अकेले नगर पालिक निगम भिलाई में ही 12 हजार से अधिक लोग आवासीय पट्टे की जमीन की खरीदी बिक्री कर चुके हैं। सरकार के निर्णय से फायदा होगा। इसके अलावा नगर पालिक निगम दुर्ग, चरोदा, नगर पालिका परिषद जामुल, कुम्हारी, अहिवारा, नगर पंचायत धमधा, पाटन और उतई के कब्जाधारियों को भू-अधिकार पत्र दिया जाएगा।
शासन ने 1980, 1982 में जिन लोगों को राजीव आश्रय योजना के अंतर्गत आवासीय पट्टा दिया था। वे लोग पट्टे की जमीन को बेचकर अन्यत्र चले गए हैं। खरीदने वाले उस जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं। इनमें से कुछ लोग 50 रुपए के स्टांप पेपर पर बिक्रीनामा तैयार कर निगम में संपत्तिकर और समेकित कर जमा कर रहे हैं।

मई-जून में नहीं किया नवीनीकरण
आवासीय पट्टे की 30 साल की लीज अवधि समाप्त होने के बाद सरकार ने मई-जून में शिविर लगाकर पट्टों का नवीनीकरण किया। खरीदी बिक्री वाले पट्टों का नवीनीकरण नहीं किया। अब सरकार ने सर्वे कर खरीदी-बिक्री वाले पट्टे का वर्तमान स्थिति में कब्जा के आधार पर नया आवासीय पट्टा देने का निर्णय लिया है। साथ ही निकाय क्षेत्र में शासकीय जमीन पर वर्षों से काबिज लोगों को 30 साल की लीज शर्त पर राजीव आश्रय योजना के अंतर्गत 450 वर्गफीट जमीन का आवासीय पट्टा दिया जाएगा।

...तो देना पड़ेगा विकास शुल्क
कब्जे की जमीन 450 वर्गफीट से अधिक होने पर कब्जाधारी परिवार को विकास शुल्क देना पड़ेगा। शासन ने कब्जेधारी को अधिकतम 700 वर्गफीट जमीन का पट्टा देने का निर्णय लिया है। 450 वर्गफीट के अतिरिक्त जमीन का 10 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क देना पड़ेगा। नगर पंचायत में यह शुल्क 5 रुपए है। नगर पालिका परिषद के लिए 10 रुपए रखा गया है।

ये होंगे पट्टे के पात्र
शासकीय या नजूल भूमि पर वर्षों से काबिज ऐसे परिवार जिनका राशन कार्ड बना हुआ है। पते पर उक्त जमीन का उल्लेख है।
राशन कार्ड नहीं होने पर प्रमाणिक दस्तावेज के आधार पर सत्यापन किया जाएगा।

इनको नहीं मिलेंगे आवासीय पट्टे
तालाब की जमीन के कब्जेधारी को पट्टा नहीं मिलेगा।
सड़क, नहर और सार्वजनिक उपयोग जैसे खेल मैदान, आंगनबाड़ी, स्कूल, कॉलेज, सामुदायिक भवन, मंगल भवन के लिए आरक्षित जमीन के कब्जाधारियों को पट्टा नहीं मिलेगा।
ऐसे कब्जाधारियों के व्यवस्थापन का निर्णय समिति लेगा।