
जिले के बिना मुआवजा किसानों के खेतों की खड़ी फसल को रौंदकर गैस कंपनी के लिए जबरिया पाइप लाइन बिछाने का मामला अब आंदोलन तक पहुंच गया है। सोमवार को युवक कांग्रेस के नेताओं की अगुवाई में प्रभावित किसानों ने खेती छोड़कर सड़क पर उतरकर आंदोलन का आगाज किया।
किसानों और युकां नेताओं ने अहिवारा तहसील कार्यालय का घेराव किया और कंपनी के मैनेजर में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। मांग पर सुनवाई नहीं हुई तो किसानों की नाराजगी क्षेत्रीय विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा पर फूट पड़ा। युका नेताओं ने विधायक के प्रतीक स्वरूप पुतले के साथ रैली निकाली और चौराहे उसका दहन किया। किसानों ने मांग के अनुसार कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। युकां अध्यक्ष जयंत देशमुख और किसान नेता रविप्रकाश ताम्रकार के नेतृत्व में सोमवार की सुबह करीब 250 किसान और युकां कार्यकर्ता अहिवारा तहसीलदार कार्यालय के सामने जुटे। यहां धरने की शक्ल में सभा की गई। सभा में बिना मुआवजा किसानों के खेतों में जबरिया घुसने और फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ विरोध करने पर किसानों को डराने-धमकाने और ढौर के किसान को जबरिया थाने में बैठाए जाने के मामले में कंपनी के मैनेजर प्रशांत गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग रखी गई।
इस दौरान युकां नेताओं ने तहसीलदार राधेश्याम वर्मा का अलग तरीके से विरोध किया। युकां नेताओं का आरोप है कि तहसीलदार कंपनी के अफसरों पर खासे मेहरबान है। कंपनी के लोगों के इशारे पर वे लगातार किसानों को डरा धमका रहे हैं। यह बिना आर्थिक लाभ के संभव नहीं है। ऐसे में युकां नेता तहसीलदार के लिए रिश्वत के रूप में नोटों की माला लेकर पहुंचे थे। हालाकि इसे वे तहसीलदार को पहना नहीं सके।
किसानों और युकां नेताओं ने मामले में कंपनी के मैनेजर के खिलाफ एफआईआर की मांग रखी है। ऐसा नहीं किए जाने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है। युकां नेताओं ने कहा है कि एफआईआर नहीं होने पर अब कलेक्टोरेट कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मामले की शिकायत कर हस्तक्षेप की मांग की जाएगी।
Updated on:
29 Jul 2024 09:44 pm
Published on:
29 Jul 2024 09:21 pm
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