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Big Breaking: बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा में सेंध, आधी रात भागे 13 अपचारी बालक

बाल संप्रेक्षण गृह में रहने वाले 13 बच्चे एक बार फिर भाग निकले। खास बात ये है कि घटना के २४ घंटा पहले ही हाई कोर्ट के जज बाल संप्रेक्षण गृह पहुंच कर बच्चों को समझाया था।

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दुर्ग

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Dakshi Sahu

Aug 20, 2018

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Big Breaking: बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा में सेंध, आधी रात भागे 13 अपचारी बालक

दुर्ग. बाल संप्रेक्षण गृह में रहने वाले 13 बच्चे एक बार फिर भाग निकले। खास बात ये है कि घटना के २४ घंटा पहले ही हाई कोर्ट के जज बाल संप्रेक्षण गृह पहुंच कर बच्चों को समझाया था। इसके बाद हुई घटना से महिला एवं बाल विकास विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।

जानकारी के मुताबिक घटना रविवार रात लगभग 11 बजे का होना बताया जा रहा है। तब बच्चे अपने-अपने कमरे में थे। सुबह कर्मचारियों के संप्रेक्षणगृह पहुंचने के बाद घटना का खुलासा हुआ। इसके बाद जांच के लिए सोमवार सुबह महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी गुरप्रीत कौर संपे्रक्षण गृह पहुंची। उन्होंने केयर टेकर से जानकारी लेने के बाद पुलगांव थाना में घटना की सूचना।

चर्चा में रहा है बाल संप्रेक्षण गृह
अपचारी बच्चों के लिए बनाए गए सुधार गृह अव्यवस्थाओं के कारण हमेशा चर्चा का केन्द्र रहा है। अपचारी बच्चे की हत्या के माह बार बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार की तीन सदस्यी जांच टीम बाल संप्रेक्षण गृह पहुंची थी। जांच के आठ माह बाद हाई कोर्ट जज के दुर्ग पहुंचने से विभाग के अधिकारी सख्ते में थे।

जाने बाल संप्रेक्षण गृह के दो बड़ी घटनाओं को
१२ जुलाई 2016
बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चे नशे की हालत में उत्पात मचाना शुरू किया। उपद्रवी अपचारी बालक किशोर न्यायालय पहुंचकर तत्कालीन न्यायाधीश मोहनी कवर के सामने सुनवाईमें उपस्थित सिपाही पर चाकू से पहले हमला किया। बाद में दो अन्य कर्मचारियों पर वार कर उन्हें भी घायल कर दिया।

चाकूबाजी की घटना के बाद अपचारी बच्चों ने संप्रेक्षण गृह को बंद कर छत पर चढ़ गए। वे अपने साथ किचन से रसोईगैस सिलेण्डर को छत पर रखे थे। बच्चों को समझाईश देने संप्रेक्षणगृह पहुंचे तत्कालीन कलक्टर, एसपी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सामने अपचारी बच्चे चाकू लहराते हुए सिलेण्डर को ब्लास्ट करने की धमकी देने लगे थे।इस दौरान पत्थर बाजी भी की।

१ नवंबर 2017
बाल संप्रेक्षणगृह के प्लेस ऑफ सेफ्टी में मामूली बातों को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ। विवाद बढऩे पर नशे में धुत दो युवकों ने दर्जन भर अपचारी बच्चों की पिटाईकी और भाग निकले। दूसरे दिन भागे बच्चे वापस पहुंचे और फिर से विवाद करने लगे। इस दौरान आधी रात मार खाने वाले बच्चे एक जुट हुए और दोनो की जमकर पिटाई कर दी।

इस घटना में दोनो अपचारी बच्चे गंभीर रुप से घायल हो गया। घटना के लगभग दो घंटे बाद घायल अपचारी बालकों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान एक बालक को मृत घोषित कर दिया गया वहीं दूसरे को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

संप्रेक्षण की व्यवस्था
१. बाल संप्रेक्षण गृह:
अपराध घटित होने पर पुलिस अपचारी बच्चों के खिलाफ अपराध दर्जकरती है। उसे पकड़ कर किशोर न्याय बोर्डकी अध्यक्ष में प्रस्तुत किया जाता है। किशोर न्याय बोर्डके निर्देश पर अपचारी बालकों का बाल संप्रेक्षणगृह में रखा जाता है। और प्रकरणकी सुनवाईशुरू होता है।

२. प्लेस ऑफ सेफ्टी
यहां पर ऐसे बच्चों को रखा जाता है जो अपचारी बच्चों की श्रेणी में आते है, लेकिन अपराध गंभीर प्रवृत्ति का होता है। जिसमें सजा सात साल या अधिक का प्रवधान है। अगर उम्र १८ वर्षसे अधिक होने पर बोर्डको तीन माह के अंतराल में निर्णय लेना है कि प्रकरणबोर्डमें चलेगा या फिर बाल न्यायालय में।

३. विशेष गृह
विशेष गृह में ऐसे अपचारी बच्चों को रखा जाता है जिन्हे प्रकरणमें सजा हो चुकी है। परिसर में अलग से भवन बनाया गया है। वहां का सेटअपर और भोजन व्यवस्था बिलकुल अलग है, लेकिन अपचारी बच्चों का मनोरंजन और अन्य संसाधन एक साथ उपल्बध कराया जाता है।

आठ माह पहले आईथी राष्ट्रीय मानव अधिकार
राष्ट्रीय मानव अधिकार की टीम दिसंबर 2017 में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित बाल संप्रेक्षणगृह में आईथी। तब जांच दल ने अलग अलग बिन्दु पर जांच की थी। संप्रेक्षणगृह के तत्कालीन और मौजूदा कर्मचारियों समेत संप्रेक्षण गृह में रहने वाले अपचारी बच्चों का बयान दर्जकिया था। जांच तीन दिनों तक चली थी। जांच के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार की टीम ने प्रतिवेदन केन्द्र समेत राज्य को भेजा था।