इन प्रवासी पक्षियों की होती है आमद
बार हेडेड गूस, ब्लैक हेडेड आइबिस, ब्लैक विंग काइट, कॉमन क्रेस्टल, करमोरेंट, गोल्डन प्लोवर, ग्रीन सेंड पाइपर, हुदहुद, लिटिल रिंग प्लावर,नॉर्थन पिनटेल,पेंटेड स्टोर्क, रेड नेपड आइबिस, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, बुलबुल, स्पून बिल स्टोर्क, शार्ट टोड स्नैक ईगल, वाइट ऑय बजार्ड, वूली नेकेड स्टोर्क, ब्लैक विंग स्टिल्ट, कॉटन पिग्मी गूस, गार्गने, लिटिल इग्रेट, ग्रेट इग्रेट, ओपन बिल स्टोर्क, सिकरा, मार्श हैरियर, बूटेड ईगल, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, ऑसप्रे, स्पॉटेड आउल, बर्न आउल, येल्लो ऑय बाबलर आदि प्रवासी पक्षियां यहां पहुंचती है।
बर्ड सेंचूरी के प्रोजेक्ट पर भी काम
पाटन के बेलौदी साइट में प्रवासी पक्षियों के अलावा भारतीय जलीय पक्षियों की भी बड़ी संख्या मौजूदगी रहती है। वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास उन्होंने बेलौदी में माइग्रेटरी बड्र्स के कर्जवेशन की संभावनाओं के बारे में प्रस्ताव रखा था। इस पर बर्ड सेंचुरी बनाने की घोषणा की गई थी। इस पर काम भी चल रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन चार सालों में इन वेटलैंड्स में बतख प्रजाति के प्रवासी पक्षियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।