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खराब आर्थिक स्थिति के चलते कोई न्याय से वंचित तो नहीं, हाईकोर्ट ने मंगाई जानकारी

विचाराधीन प्रकरणों पर फैसला सुनाए जाने विकल्प द्वार बंद नहीं होते। आरोपी चाहे तो निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर सकता है।

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दुर्ग

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Naresh Verma

Nov 16, 2019

खराब आर्थिक स्थिति के चलते कोई न्याय से वंचित तो नहीं, हाईकोर्ट ने मंगाई जानकारी

खराब आर्थिक स्थिति के चलते कोई न्याय से वंचित तो नहीं, हाईकोर्ट ने मंगाई जानकारी

दुर्ग . विचाराधीन प्रकरणों पर फैसला सुनाए जाने विकल्प द्वार बंद नहीं होते। आरोपी चाहे तो निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर सकता है। कई बार स्थिति ऐसी होती है कि आरोपी की आर्थिक स्थिति की वजह से वह अपील प्रस्तुत नहीं करता है। ऐसे लोगों की तलाश करने हाईकोर्ट ने फरमान जारी कर दिया है।

पिछले दो साल का रिकॉर्ड खंगाल रही
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अब न केवल जेल में बंदियों से पूछताछ कर रही है, बल्कि पिछले दो साल में जिले में हुए फैसले का रिकॉर्ड खंगाल रही है। रिकार्डको देखने के बाद अपील प्रकरणों का स्टेटस भी देखा जा रहा है। आम तौर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे सजायाफ्ता बंदियों की तलाश कर रही है जो अपील में इसलिए नहीं जाना चाहते,क्योंकि अधिवक्ताओं की मंहगी फीस वहन नहीं कर सकते। ऐसे लोगों का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न केवल सूची तैयार कर रहा है, बल्कि उनका अपील प्रकरण तैयार कराकर मदद भी कर रही है। ऐसे 25 अपील प्रकरण तैयार कर हाईकोर्ट या संक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किए है।

हाईकोर्ट मॉनीटरिंग कर रही
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव राहुल शर्मा का कहना है कि अपील प्रकरणों की सीधे हाईकोर्ट मॉनिटरिंग कर रहा है। इसलिए हम लोग पिछले दो वर्ष में हुए फैसले और अपील प्रकरणों की स्थिति का अध्ययन कर रहे हैं। खास कर आर्थिक रूप अक्षम व्यक्तियों को जेल के माध्यम से अपील के लिए चर्चाकर रहे हैं और उन्हें अधिवक्ता उपलब्ध कराए जा रहा है।