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दुर्ग नगर निगम में टैक्स घोटाला – 6.11 लाख का डिमांड भेजकर 1.07 लाख में कर लिया सेटलमेंट, 5 लाख का लगाया का चूना

नगर निगम में मिलीभगत कर टैक्स वसूली में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। मामला 17 साल के बकाया टैक्स वसूली का है। निगम के संबंधित विभाग के कर्मियों ने इसके लिए पुलगांव के भवन स्वामी को प्रापर्टी का असेसमेंट कर 6 लाख 11 हजार 884 रुपए का डिमांड भेजा। इसके विपरीत उसी दिन कर्मियों ने सेटलमेंट कर भूमि स्वामी से उक्त मियाद का महज 1 लाख 7 हजार 402 रुपए लेकर संपूर्ण टैक्स जमा बता दिया। इस तरह करीब 5 लाख रुपए निगम के खजाने को चोट पहुंचाई गई।

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दुर्ग नगर निगम में टैक्स घोटाला - 6.11 लाख का डिमांड भेजकर 1.07 लाख में कर लिया सेटलमेंट, 5 लाख का लगाया का चूना

आम आदमी पार्टी के नेताओँ ने कमिश्नर को मामला सौंपकर कार्रवाई की मांग की

मामला नगर निगम सीमा क्षेत्र के पुलगांव वार्ड नंबर 55 में स्थित एमपी टोबेको कॉर्पोरेशन की प्रापर्टी से जुड़ा है। उक्त संपत्ति कर की आईडी 5500683 है। उक्त प्रापर्टी का वर्ष 2005-06 से वर्ष 2021-22 तक का प्रापर्टी टैक्स बकाया था। इस पर निगम की संपत्ति कर विभाग के द्वारा 31 मार्च 2023 को असेसमेंट का हवाला देकर 6 लाख 11 हजार 884 रुपए का डिमांड नोट जारी किया गया। इस राशि में समेतिक कर, शिक्षा उपकर और यूजर चार्ज भी शामिल थे। यह डिमांड नोट एमपी टोबेको कॉरपोरेशन पुलगांव को 31 मार्च को दिया गया और उसी दिन में निगम के द्वारा महज 1 लाख 7 हजार 402 रुपए की संपत्ति कर तथा अन्य शुल्क की रसीद काटकर सेटलमेंट कर लिया गया। कंपनी को दिए गए रसीद में 1 लाख 7 हजार 402 रुपए वर्ष 2006 से वर्ष 2021-22 तक का संपूर्ण भुगतान बता दिया गया है। इस तरह करीब 5 लाख रुपए कम राशि वसूल की गई।


एक एकड़ का टैक्स महज 6444 रुपए
इसी प्रापर्टी के वर्ष 2022-23 के प्रापर्टी टैक्स की वसूली में भी बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। उक्त आईडी पर 44100 वर्ग फीट जमीन दर्ज है। यह करीब एक एकड़ होता है। इस जमीन पर भवन बना हुआ है। कर्मियों ने इस भवन का वर्ष 2022-23 का प्रापर्टी टैक्स महज 6444 रुपए लगाया है। यह राशि भवन के आकार के लिहाज से बेहद कम है। इस तरह भी निगम को हजारों रुपए का चूना लगाया गया है।


आप नेताओं ने सौंपा कमिश्नर को दस्तावेज
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने गुरुवार को मामले का भंडाफोड़ किया और निगम कमिश्नर लोकेश चंद्राकर को गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज भी सौंपा। आप के आरटीआई विंग के प्रदेश अध्यक्ष मेहरबान सिंह और लोकसभा अध्यक्ष डॉ. एसके अग्रवाल ने मामले में लेनदेन कर निगम का 5 लाख रुपए का चूना लगाए जाने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच व कार्रवाई की मांग की है। कमिश्नर ने जल्द मामले की जांच और कार्रवाई का भरोसा दिलाया।


पहले भी हो चुका है कई मामलों का खुलासा
नगर निगम में भवन आदि का असेसमेंट के नाम पर अवैध वसूली और प्रापर्टी टैक्स का ज्यादा डिमांड भेजकर लेन-देन करने और कम राशि समायोजित कर लेने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के करीब आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। निगम के कर्मचारियों ने ही इन मामलों का खुलासा करते हुए अफसरों की शिकायत की थी। इसके बाद नए सिरे से असेसमेंट कर राशि की भरपाई भी कराई गई थी, लेकिन तब भी किसी कर्मी के ऊपर कार्रवाई नहीं की गई थी।