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240 करोड़ के जल जीवन मिशन में पलीता, तीन साल बाद भी 69 कामों का नहीं करा पाए टेंडर, 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया कास्ट

जल जीवन मिशन को लेकर बड़ी प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। मिशन के तहत जिले में 240 करोड़ रुपए की लागत 385 ग्राम पंचायतों में नल के माध्यम से हर घऱ पेयजल पहुंचाने के अलग-अलग प्रोजेक्ट पर कार्य कराए जाने है। इसके लिए वर्ष 2023 की मियाद तय है, लेकिन तीन साल बाद भी इनमें से 69 प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना तो दूर तीअफसर टेंडर तक नहीं करा पाएं हैं। इससे इन प्रोजेक्ट्स की लागत 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई है।

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240 करोड़ के जल जीवन मिशन में पलीता, तीन साल बाद भी 69 कामों का नहीं करा पाए टेंडर, 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया कास्ट

240 करोड़ के जल जीवन मिशन में पलीता

केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 तक जल जीवन मिशन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल से वंचित हर परिवार तक नल कनेक्शनों के माध्यम से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना बनाई है। इसी के तहत जिले में भी 240 करोड़ के काम स्वीकृत किए गए हैं। बता दें कि जिले के 385 ग्राम पंचायतों के करीब 1 लाख 53 हजार 476 परिवार हैं। जल जीवन मिशन के तहत इन परिवारों के घरों तक नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध जल पहुंचाने हर गांव के लिए कोई न कोई प्रोजेक्ट स्वीकृत है। वर्ष 2019 से इन पर काम शुरू है, लेकिन जिले के प्रशासनिक अमले के लेटलतीफी के कारण 385 में से केवल 316 प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पाया है। इनमें से भी अधिकतर कार्य अभी शुरूआती स्टेज पर है।


तीन साल में केवल 79674 कनेक्शन
जिन प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो गया है, उनका भी बुरा हाल है। हालात यह है कि जिले में मिशन के तहत 1 लाख 37 हजार 774 नए नल कनेक्शन देने का टार्गेट रखा गया है, लेकिन अब तक महज 79 हजार 674 घरों में ही नल कनेक्शन पहुंचाया जा सका है। वहीं 63 हजार 972 घरों को अब तक नल कनेक्शन नहीं मिल पाया है। दिसंबर 2023 में मिशन के सभी प्रोजेक्ट के लिए तय मियाद खत्म हो जाएगा।


9 ग्रुप प्रोजेक्ट, इंटकवेल तक नहीं बने
जिले में 9 समूह योजना पर काम कराया जा रहा है। इन प्रोजेक्ट्स से 248 ग्रामों को नदी से लिफ्ट कर पानी पहुंचाया जाना है। चंदखुरी, निकुम, पथरिया, भटगांव-जेवरा सिरसा, अमलेश्वर, कौही, ओदरागहन, अंजोरा-ढाबा और मोतीपुर समूह जल प्रदाय योजना इसमें शामिल है। खास बात यह है कि इन ग्रुप प्रोजेक्ट्स में से आधे के टेंडर अटके हुए हैं। वहीं केवल 4 में काम शुरू हुए हैं, लेकिन यहां भी अब तक इंटकवेल भी नहीं बनाया जा सका है।


मुख्यमंत्री के सचिव के निर्देश का असर नहीं
जल जीवन मिशन के कनेक्शन देने में देरी को मुख्यमंत्री सचिवालय ने भी बेहद गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री के सचिव एस भारतीदासन ने अक्टूबर में मामले में संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर देरी के संबंध में प्रतिवेदन मांगा था। इसके साथ ही उन्होंने 31 दिसंबर तक टेंडर व वर्क आर्डर संबंधी सभी कार्य पूरा कर लेने और तय मियाद में गुणवत्ता के साथ काम कराने के निर्देश दिए थे। अफसरों ने सचिव के निर्देश को भी गंभीरता से नहीं लिया।