
कुआलालम्पुर। विश्व के नम्बर एक बैडमिंटन खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई को विश्व
बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में
मंगलवार को अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया। बीडब्ल्यूएफ ने बयान में कहा, अगस्त
में विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के दौरान चोंग वेई के जो नमूने लिए थे उनमें
मलेशियाई खिलाड़ी के पॉजिटिव पाए जाने के बाद वैश्विक संस्था उन पर प्रतिबंध लगा
रही है।
उन्होंने कहा, बीडब्ल्यूएफ इस मामले को "डोपिंग हीयरिंग पैनल"
के समक्ष भेज रही है। कुछ समय में यह दल आगे की कार्रवाई के लिए समय, तारीख और दिन
निर्धारित करेगी। यह सुनवाई दल ही निर्धारित करेगा कि मलेशियाई खिलाड़ी ने डोपिंग
नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं।
छिन सकते हैं पदक
विश्व
डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के नियमानुसार किसी भी एथलीट पर पहली बार डोपिंग का आरोप
साबित होने पर दो वर्ष का प्रतिबंध लगाया जाता है। हालांकि फिलहाल वेई पर अस्थायी
प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन यदि उन पर लगे आरोपों की पुष्टि हो जाती है तो
मलेशियाई शटलर को 2016 के रियो ओलंपिक से बाहर रहना पड़ सकता है। यदि वेई सुनवाई दल
के सामने भी दोषी साबित हुए तो उन्हें दो वर्ष के प्रतिबंध के अलावा अगस्त में
कोपेनहेगन में विश्व चैम्पियनशिप के दौरान मिले रजत पदक को गंवाना पड़ सकता है। इसी
दौरान उनका नमूना लिया गया था। इसके साथ ही संभवत: वेई से इंचियोन एशियाड में
व्यक्तिगत और टीम स्पर्द्धा में जीते गए कांस्य पदक भी छीने जा सकते हैं।
वेई ने किया था खंडन
इससे पहले शीर्ष खिलाड़ी वेई ने डोपिंग
टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
लेकिन मलेशियाई बैडमिंटन संघ ने इसकी पुष्टि की थी। बीजिंग और लंदन ओलंपिक के रजत
पदक विजेता चोंग वेई का गत सप्ताह ओस्लो में बी सैम्पल का परीक्षण हुआ। इससे पहले
उनके शुरूआती नमूनों में भी स्टेरायड पाए गए थे जो सूजन आदि में इस्तेमाल किए जाते
हैं। बैडमिंटन स्टार के यह नमूने अगस्त में डेनमार्क में हुई विश्व चैम्पियनशिप में
लिए गए थे। इस टूर्नामेंट में वेई तीसरी बार उपविजेता रहे थे।
Published on:
25 Dec 2014 04:28 pm
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