
कोलकाता स्टेडियम में लियोनेल मेस्सी और कार्यक्रम के दौरान हुई तोड़फोड़ का नजारा। (फोटो सोर्स: IANS)
Messi Event Row: कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के इवेंट में हुई अफरा-तफरी की जांच के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। गिरफ्तार मुख्य ऑर्गनाइज़र शताद्रु दत्ता ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। ज्ञात हो कि महंगे टिकट खरीदकर पहुंचे हजारों दर्शकों के बीच कार्यक्रम में तब अफरा-तफरी का माहौल हो गया, जब मेसी गैलरी से मुश्किल से दिखाई दिए। इस पर फैंस में गुस्सा भड़क गया और उन्होंने स्टेडियम में जमकर तोड़फोड़ की। एसआईटी तोड़फोड़, सुरक्षा में चूक, एक्सेस नियमों के उल्लंघन और इस घटना में आयोजकों और अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है।
शताद्रु दत्ता ने एसआईटी को बताया कि 13 दिसंबर को सॉल्ट लेक स्टेडियम में आने के दौरान लियोनेल मेसी छूए जाने या गले लगाए जाने से नाराज थे। उनके अनुसार, विदेशी सुरक्षा अधिकारियों ने पहले ही बता दिया था कि मेसी को पीठ पर छुआ जाना या गले लगाया जाना पसंद नहीं है। बार-बार अनाउंसमेंट करने के बावजूद मेसी मैदान पर भीड़ से घिर गए, जिससे उन्हें तय समय से पहले ही मैदान छोड़ना पड़ा।
ऑर्गनाइजर ने दावा किया कि इवेंट के लिए शुरू में सिर्फ 150 ग्राउंड पास जारी किए गए थे। हालांकि, कथित तौर पर यह संख्या करीब तीन गुना थी। दत्ता ने कहा कि एक प्रभावशाली व्यक्ति व्यक्ति के आने अचानक भीड़ में बढ़ोतरी से प्रोग्राम का पूरा फ्लो चार्ट बिगड़ गया, जिससे ऑर्गनाइज़र ग्राउंड एरिया में एंट्री को कंट्रोल नहीं कर पाए।
एसआईटी दत्ता के इस दावे की भी जांच कर रही है कि उस अनाम प्रभावशाली व्यक्ति के आने से भीड़ मैनेजमेंट में गड़बड़ी हुई। पुलिस जांच कर रही है कि क्या इस दखल से बिना इजाजत एंट्री हुई और सुरक्षा में चूक और भीड़ बढ़ गई, जिससे दर्जनों लोग खतरनाक तरीके से मेसी के करीब पहुंच गए।
पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास पूरे प्रोग्राम के दौरान मेसी के काफी करीब देखे गए, तस्वीरों में उन्हें फुटबॉलर की कमर पकड़े हुए देखा गया। उन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को मेसी तक पहुंचने देने का आरोप है। बढ़ते विरोध के बीच, बिस्वास ने जांच पूरी होने तक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
दत्ता ने खुलासा किया कि मेसी को इंडिया टूर के लिए 89 करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया था, जबकि 11 करोड़ रुपये टैक्स के तौर पर सरकार को दिए गए, जिससे कुल खर्च 100 करोड़ हो गया। उन्होंने दावा किया कि 30 प्रतिशत फंड स्पॉन्सर से और 30 प्रतिशत टिकटों की बिक्री से आया था। जांचकर्ताओं को दत्ता के फ्रीज किए गए बैंक खातों में 20 करोड़ से ज्यादा मिले हैं और उनके घर से दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या पैसा टिकट बिक्री और स्पॉन्सरशिप से आया था, जैसा कि दत्ता ने दावा किया है।
Published on:
22 Dec 2025 07:32 am
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