
प्रधानमंत्री किसान स्कीम के तहत अन्य 2 करोड़ किसनों को मिलेगा लाभ, फसलों के लिए गोदाम बनाने की भी होगी व्यवस्था
नई दिल्ली। 17वें लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ( NDA )को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद अब सरकार बनाने की कवायदें तेज हो गई हैं। सरकार बनने के बाद नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) की कैबिनेट किसानों को लेकर एक बड़ा फैसला ले सकती है। आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कृषि मंत्रालय ( Ministry of Agriculture ) प्रधानमंत्री किसान स्कीम ( PM Kisan Scheme ) को दो करोड़ अतिरिक्त किसानों तक पहुंचाएगी। इसके साथ ही इस स्कीम के तहत आने वाले कुछ किसनों की संख्या करीब 15 करोड़ हो जाएगी। इन 2 करोड़ किसानों को पीएम किसान स्कीम के तहत जाने के बाद सरकारी खजाने पर कुल 12 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाएगा। इसके साथ ही इस स्कीम के लिए सरकार के खजाने पर कुल 87 हजार करोड़ रुपए का सालाना बोझ होगा।
किसानों के लिए गांवों में गोदाम के लिए भी होगी व्यवस्था
नवनिर्वाचित सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश के हर किसान परिवार को इस स्कीम के तहत लाभ दिया जा सके। मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी बताया कि ग्रामीण स्टोरेज सिस्टम के तहत हजारों वेयरहाउस बनाने के प्लानिंग चल रही है, ताकि किसान कम कीमत में अपनी फसलों को यहां स्टोर कर सकें। सरकार की इस प्लानिंग को जमीन पर लाने के लिए पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर से बड़े मात्रा में निवेश की जरूरत होगी, जिसके लिए इस माह की शुरुआत में ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ग्रामीण स्टोरेज स्कीम (वीएसएस) को लेकर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गत 17 मई को बैठक हुई थी। इस बैठक में प्राइवेट कंपनियों और इंडस्ट्री चैंबर्स के प्रतिनिधि भी शामिल।
17 मई को पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के साथ अमिताभ कांत ने की बैठक
बता दें कि पीएम किसान स्कीम के तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसानों को सरकार एक साल में तीन में 2-2 हजार रुपए देगी। इस स्कीम को गत 1 फरवरी को अंतरिम बजट में पेश किया गया था जिसके 1 दिसंबर 2018 की तारीख से लागू किया गया है। इस स्कीम के तहत अब तक करीब 3.1 करोड़ किसानों को पहली किश्त और 2.25 करोड़ किसानों के पहली किश्त मिल चुकी है। अमिताभ कांत ( Amitabh Kant ) की अगुवाई में होने वाली इस बैठक में शामिल होने वोल प्राइवेट सेक्टर के अधिकारी ने बताया कि एक गांव या गांवों के एक क्लस्टर में 1,000 टन क्षमता का गोदाम इसे आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए न्यूनतम आवश्यकता होगी। इसके चलने पर लगने वाली लागत को वसूल किया जाना चाहिए क्योंकि यह हमेशा के लिए सब्सिडी पर नहीं चल सकता है।"
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Updated on:
27 May 2019 01:33 pm
Published on:
27 May 2019 12:43 pm
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