इसमें कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 4.57 लाख करोड़ का रहा है, जबकि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 4.69 लाख करोड़ और अन्य टैक्स 16,927 करोड़ रहा है। इतिहास के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो ये देखा जाता रहा है कि टैक्स में कॉरपोरेट की हिस्सेदारी ज्यादा रही है। वित्त वर्ष 2000-01 में कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 68,305 करोड़ रुपए था। इसमें कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 35,696 करोड़ रुपए, पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 31,764 करोड़ रुपए और अन्य टैक्स कलेक्शन 31,764 करोड़ रुपए रहा था।
ऐसे बदलते गए हालात-
वित्त वर्ष 2000-01 से लेकर 2019-20 तक कॉरपोरेट टैक्स के मुकाबले आम लोगों की टैक्स भागीदारी कम रही है, लेकिन 2020-21 में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 4.57 लाख करोड़ रहा है, जबकि इनकम टैक्स कलेक्शन 4,69 लाख करोड़ रहा है। 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब कॉरपोरेट टैक्स 4.28 लाख करोड़ का था, जबकि इनकम टैक्स केवल 2.65 लाख करोड़ का रहा था।
इस वित्त वर्ष 2020-21 में कॉरपोरेट टैक्स रहा 4.57 लाख करोड़ है
इस वित्त वर्ष 2020-21 में 4.69 लाख करोड़ इनकम टैक्स रहा है