
नई दिल्ली: कोरोनावायरस के दौरान दवा (Hydroxychloroquine) के निर्यात के बाद अब भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। सरकार ने मित्र राष्ट्रों को अनाज ( गेहूं ) भेजने का पैसला किया है। भारत सरकार की ओर से पहले ही ये जानकारी दी जा चुकी है कि हमारे देश में गेहूं की पैदावार (Wheat production) जरूरत से कहीं अधिक हुई है।
अफगानिस्तान और लेबनान को भेजा जाएगा गेंहू-
मांग को ध्यान में रखते हुए नैफेड (NAFED)को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात अफगानिस्तान (Afghanistan) को और 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात लेबनॉन (Lebanon) को करने का आदेश दा गया है। जी2जी (Government to Government) व्यवस्था के अंतर्गत भेजे जाने वाले इस गेहूं के लिए किसी भी प्रकार के टेंडर की प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी। एक्सपोर्ट का काम नैफेड को सौंपा गया है। सौदा दोनों देशों की सरकारों के बीच हुआ है, लिहाजा किसानों से एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं का ही एक्सपोर्ट किया जाएगा
अन्नदान करता रहा है भारत- भारत सरकार इससे पहले भी कई देशों की खाद्यान्न के मामले में मदद कर चुका है। साल 2011-12, 2013-14 और 2017-18 में भारत ने 3.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान को दान कर दिया था वहीं श्रीलंका, नामीबिया, लेसोथो और म्यांमार को कई बार छोटी मात्रा में चावल दिये जा चुके हैं। भारत से इन राष्ट्रों के अलावा भी कई राष्ट्र खाद्यान्न के लिए संपर्क कर रहे हैं।
Updated on:
13 Apr 2020 07:24 am
Published on:
11 Apr 2020 07:14 pm
बड़ी खबरें
View Allअर्थव्यवस्था
कारोबार
ट्रेंडिंग
