
H1B Visa पर अमरीका ने दी सफाई, कहा - हमने कोई लिमिट तय नहीं की है
नई दिल्ली। अमरीकी सरकार ( America Govt ) ने अमरीकावीजा ( H1Bvisa ) को लेकर बयान जारी किया है। इस बयान में ट्रंप सरकार ने कहा कि हमारी ओर से H1B वीजा को लेकर ऐसी कोई भी लिमिट नहीं बनाई गई है। इसके साथ ही अमरीका ने कहा कि विदेशी कंपनियों को स्थानीय स्तर पर डेटा स्टोर करने के लिए मजबूर करने वाले राष्ट्रों पर H1B वर्क वीजा पर कैप लगाने की उसकी कोई योजना नहीं। गुरूवार को ये खबरें सामने आ रही थी कि ट्रंप सरकार ने अब US वीजा देने वालों की संख्या को सीमित कर दिया है।
ट्रंप सरकार ने दी जानकारी
गुरुवार को एक सीनियर अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया था कि कोटे के तहत हर साल अब सिर्फ 10-15 फीसदी भारत के लोगों को एच वन बी वीजा दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि अमरीका ने वीजा देने की लिमिट तय कर दी है, जिसको अमरीका सरकार के द्वारा गलत बताया गया है। अमरीका सरकार ने कहा कि हमने ऐसा कोई भी प्लान नहीं बनाया है। अब भी अमरीका हर साल 85000 लोगों को एच वन बी वीजा देगा और भारत के 70 फीसदी लोगों को यह वीजा दिया जाएगा।
अमरीका ने दी जानकारी
अमरीका ने कहा कि यह भारत के साथ सीमाओं पर डेटा के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के महत्व के बारे में हमारी चल रही चर्चाओं से पूरी तरह से अलग है। बता दें कि यह समीक्षा किसी देश विशेष को लक्ष्य करके नहीं बनाई गई है। बताते चलें कि इससे पहले खबर आई थी कि अमरीका ने भारत से कहा है कि वह एच-1 बी वीजा की संख्या सीमित करने पर विचार कर रहा है। यह नियम उन देशों पर लागू किया जाएगा, जो विदेशी कंपनियों को अपने यहां डेटा जमा करने के लिए बाध्य करती है।
भारत इसको समझ रहा था बदले की कार्रवाई
अमरीका के इस कदम को भारत से बदले की कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा था क्योंकि ट्रेड वॉर के चलते ऐसा माना जा रहा था कि भारत को भी इसका नुकसान हो सकता है। दरअसल, रविवार को भारत ने अमरीकी समानों पर ज्यादा टैक्स लगाने का ऐलान किया। इसके साथ ही भारत के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा था कि H1B की संख्या को सीमित करने पर उस समय विचार किया जा रहा है जब अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो जल्द ही भारत यात्रा के लिए आ रहे हैं।
क्या होता है H1B वीजा
एच1बी वीजा ऐसे विदेशी प्रोफेशनल्स के लिए जारी किया जाता है, जो किसी 'खास' काम में कुशल होते हैं। इसके लिए आम तौर उच्च शिक्षा की जरूरत होती है। कंपनी में नौकरी करने वालों की तरफ से एच 1 बी वीज़ा के लिए इमीग्रेशन विभाग में आवेदन करना होता है। ये व्यवस्था 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने शुरू की थी।
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Updated on:
21 Jun 2019 12:23 pm
Published on:
21 Jun 2019 11:56 am
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