
बड़ा खुलासाः FDI बनकर देश में वापस आ रहा काला धन, कारोबारियों ने अपनाया कुछ
नर्इ दिल्ली।केमैन आइसलैंड दुनिया के सबसे कुख्यात टैक्स हेवन में गिना जाता है, लेकिन सबसे चौकाने वाली बात यह है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान भारतीय बाजार में इस रास्ते विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) इक्विटी के रूप में 1,600 फीसदी अधिक की बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, मॉरीशस और सिंगापुर समेत शीर्ष दस एफडीआई स्रोत देशों में एफएमआई इक्विटी प्रवाह में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। केमैन द्वीपसमूह से एफडीआई 2017-18 में वित्तीय वर्ष 2016-17 में सिर्फ 71.03 मिलियन डॉलर से 1.23 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
विकास के मामले में दुनिया इन तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाआें से आगे हैं केमैन आइलैंड
संसद के आंकड़ों से पता चलता है कि केमैन द्वीप समूह न केवल विकास के मामले में सबसे ऊपर है, बल्कि जर्मनी, हांगकांग और संयुक्त अरब अमीरात के पूर्ण एफडीआई शर्तों में भी आगे है जो भारत के एफडीआई के शीर्ष 10 स्रोतों में से है। आंकड़ों के अनुसार 2017-18 में जर्मनी में एफडीआई 1.17 अरब डॉलर थी, इसके बाद हांगकांग (1.05 अरब डॉलर) और संयुक्त अरब अमीरात से (1.04 अरब डॉलर) था। अख़बार डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ वित्त मंत्रालय अधिकारी ने बताया कि इसके पीछे कारण कम कराधान जैसे नियम हैं, जिसने केमैन द्वीप समूह को विश्वव्यापी कंपनियों के लिए सर्वोत्तम जगहों में बदल दिया है।
बीते वित्त वर्ष में गिरा भारत का एफडीआर्इ वृद्धि दर
कुछ हद तक भारतीय भी ऐसे टैक्स हेवन के माध्यम से अपने पैसे वापस ले रहे हैं। अमीर लोग अपना पैसा ज्यादातर स्विस बैंक और केमैन द्वीपसमूह जैसी जगहों पर रखते हैं। यहां उनको पारंपरिक फंडों जैसे यूसीटीआईएस (स्थानांतरण योग्य प्रतिभूतियों में सामूहिक निवेश के लिए उपक्रम) में निवेश किया है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सीआर चौधरी ने 23 जुलाई को लोकसभा के एक लिखित उत्तर में लोकसभा को सूचित किया कि भारत में एफडीआई की वृद्धि दर 2017-18 में 3.8% की गिरावट के साथ 44.85 अरब डॉलर हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक मॉरीशस 15.9 4 अरब डॉलर के साथ भारत का शीर्ष एफडीआई स्रोत है, इसके बाद सिंगापुर 12.18 अरब डॉलर है।
Updated on:
30 Jul 2018 08:32 am
Published on:
29 Jul 2018 05:04 pm
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