चीन ने व्यापारिक मुद्दों पर भारत से की बातचीत
भारत में चीनी राजनयिक के तौर पर अपना कार्यभार ग्रहण करने नई दिल्ली आ रहे सुन वेइडोंग ने बीजिंग में भारतीय मीडिया के साथ सीमा पर जारी तनाव, व्यापार में नुकसान और अमरीकी ट्रेड वॉर के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग व भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली अनौपचारिक बैठक समेत विभिन्न मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही चीन ने ट्रेड में ‘एकपक्षीयता और संरक्षणवाद’ के खिलाफ भारत के भी साथ आने की अपील की।
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भारत की परेशानियों को समझता है चीन
इसके साथ ही चीन के नए राजदूत सन वेइडोंग ने कहा, ‘व्यापारिक असंतुलन को लेकर भारत की चिंताओं को चीन बखूबी समझता है। लेकिन हम यह कहना चाहेंगे कि चीन ने कभी भी भारत के मुकाबले ट्रेड सरप्लस के लिए कोई योजनापूर्वक प्रयास नहीं किया।’ सन ने कहा कि चीन ने भारत से चावल और चीनी के आयात में इजाफे की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसके अलावा भारतीय दवाओं और कृषि उत्पादों के इम्पोर्ट पर भी विचार किया जा रहा है।
भारतीय प्रोडक्ट के आयात में 15 फीसदी का हुआ इजाफा
आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि चीन में भारतीय उत्पादों के आयात में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके अलावा बीते साल चीन के बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात में भी दोगुने तक का इजाफा हुआ है। भारत लंबे समय से चीन पर अपने फार्मास्युटिकल मार्केट को भारतीय दवाओं के लिए खोलने का दबाव बनाता रहा है। चीन से भारत का व्यापारिक असंतुलन 95.5 बिलियन डॉलर के मुकाबले 57 अरब डॉलर के करीब ही है।
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चीन का व्यापार घाटा बढ़ा
भारत में चीनी राजदूत वेंग ने कहा, ‘इस साल की पहली छमाही में चीन के साथ भारत के व्यापारिक घाटे में 5 फीसदी तक की कमी आई है। इसलिए मुझे यकीन है कि लगातार इस संबंध में प्रयास किए जाने से भारत और चीन के बीच व्यापारिक संतुलन को नियंत्रित किया जा सकता है।’
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