मांगा गया है फीडबैक
केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने 7 जुलाई को जारी किए ड्राफ्ट में नियमों को आधिकारिक गजेट में रखा है। जिसपर मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक रूप से फीडबैक मांगा गया है। जिसके लिए 45 दिन तक का समय दिया गया है। अगर कोई समस्या नहीं आती है तो संहिता को लागू कर दिया जाएगा। आपको बता दें मजदूरी संहिता 2019 को पिछले साल संसद ने मंजूरी दे दीगई थी। नई मजदूरी संहिता से देश में लगभग 50 करोड़ लागों को फायदा मिलने के आसार हैं।
नए नियमों से जुड़ी अहम बातें
– बिल संशोधन के अनुसार वेतन, बोनस और संबंधित मुद्दों से जुड़े कानून जुड़े थे।
– संहिता लागू होने के बाद कोड में चार श्रम कानूनों को शामिल किया जाएगा जिसमें न्यूनतम वेतन अधिनियम, मजदूरी संदाय अधिनियम, बोनस भुगतान अधिनियम और समान वेतन अधिनियम शामिल हैं।
– मजदूरों को न्यूनतम भुगतान और समय पर भुगतान का प्रावधान शामिल है, चाहे वह किसी भी सेक्टर और वेतन की सीमा में हो।
– संहिता मु,य उद्देश्य वेतन में देरी से जुड़ी समस्याओं को हल करना है।
– साथ ही इस बात को सुनिश्चित करना है कि पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर को वेतन मिलने में कोई भेदभाव नहीं हो।
– मजदूरी संहिता के अंदर आठ घंटों का काम का दिन अनिवार्य होगा।
– फैक्ट्री एक्ट के तहत काम करने के घंटों में बदलाव करने का कोई प्रावधान नहीं हुआ है।