12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

छोटे व्यापारियों को मोदी सरकार की बड़ी राहत, दो करोड़ तक की कमाई करने वालों को मिलेगी जीएसटी छूट

1.39 करोड़ में से करीब 85 फीसदी का सालाना कारोबार 2 करोड़ रुपए या उससे कम सूक्ष्य, लघु और मध्यम उद्यमों को इस फैसले से मिलेगी बड़ी राहत मिलेगी

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Sep 13, 2019

GST

नई दिल्ली। जीएसटी ( वस्तु एवं सेवा कर ) परिषद दो करोड़ रुपए से कम कमाई करने वाले छोटे व्यवसायों को सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट देने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने की तिथि तीन बार बढ़ाए जाने के बावजूद अभी तक संतोषजनक संख्या में रिटर्न दाखिल नहीं हुए हैं। एक अधिकारी ने कहा, "अंतिम तिथि बढ़ाने के बावजूद 25-27 फीसदी ही रिटर्न दाखिल हुआ है। जीएसटी परिषद इस मुद्दे पर 20 सितंबर को होने वाली बैठक में चर्चा करेगी।"

यह भी पढ़ेंः-IMF ने भारत की आर्थिक वृद्घि दर पर जताई चिंता, कहा-उम्मीद से काफी कमजोर

उन्होंने आगे कहा कि परिषद यह तय करेगी कि अनिवार्य रिटर्न फाइलिंग आवश्यकता को केवल वित्त वर्ष 2017-18 के लिए या बाद के वित्तीय वर्षो के लिए भी निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बार परिषद द्वारा विभिन्न संरचनात्मक मुद्दों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, "एक विचार यह भी है कि सरकार को यह देखने के लिए 30 नवंबर तक इंतजार करना चाहिए कि रिटर्न फाइलिंग की संख्या बढ़ती है या नहीं।"

यह भी पढ़ेंः-ग्लोबल बाजार संकेतों की वजह से शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स में 130 का उछाल, निफ्टी 36 अंकों की तेजी

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल 1.39 करोड़ करदाता में से करीब 85 फीसदी का सालाना कारोबार 2 करोड़ रुपये या उससे कम है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे करदाताओं को सालाना रिटर्न दाखिल करने से राहत देने के प्रस्तावित कदम से अनुपालन बोझ कम होगा और कर अधिकारियों को बड़े करदाताओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ेंः-आनंद महिंद्रा के एक ट्वीट ने केंद्र सरकार की खोली आंखें, एक दिन में जारी किया 80 वर्षीय महिला को गैस सिलेंडर

धुव्र एडवाइजर्स के पार्टनर ( इनडायरेक्ट टैक्स प्रैक्टिस ) अमित भागवत ने कहा, "शायद पुनर्विचार की आवश्यकता है। एक विचार है कि छोटे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ क्यों डाला जाए, क्योंकि प्रणाली भी बहुत मजबूत नहीं है।" डेलोइट इंडिया के पार्टनर एमएस मनी का कहना है कि जीएसटी के क्रियान्वयन के दौरान ज्यादा छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों को जीएसटी के अनुपालन में परेशानी का सामना करना पड़ा था। अगर उन्हें राहत दी जाती है तो सूक्ष्य, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ी राहत मिलेगी।