29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना की वजह से दुनिया 3.7 करोड़ लोग हुए अत्यधिक गरीब

गेट्स फाउंडेशन ने दिया आईएमएफ रिपोर्ट का हवाला, कोरोना से निपटने के लिए खर्च हुए 18,000 अरब डॉलर रिपोर्ट के अनुसार 2021 के अंत तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 12,000 अरब डॉलर या इससे अधिक कमी होगी

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Sep 16, 2020

Corona has caused 37 million people to be very poor

Corona has caused 37 million people to be very poor

नई दिल्ली।कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। वहीं आम लोगों को भी काफी परेशानी सामना करना पड़ेगा। दुनिया के 3.7 करोड़ लोग गरीब हुए हैं। वास्तव में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते कई दशकों के दौरान हेल्थ सेक्टर में हुई प्रोग्रेस को पूरी तरह से धता बता दिया है और दुनिया को एक बड़े आर्थिक संकट में डाल दिया है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का वास्तविक प्रसार कितना ही हुआ हो, लेकिन वायरस ने आर्थिक रूप से बड़ी तबाही मचाई है।

यह भी पढ़ेंः-देश की इकोनाॅमी के लिए अच्छी खबर, पिछले साल के मुकाबले करीब 4 गुना कम हुआ व्यापार घाटा

कोरोना हुआ इतना खर्च और इतना होगा नुकसान
फाउंडेशन ने आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि कोरोना काल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए और विकास को बढ़ाना देले हुए 18000 अरब डॉलर का खर्च किया गया है। उसके बाद 2021 के अंत तक वैश्विक इकोनॉमी में 12 हजार डॉलर या उससे ज्यादा का नुकसान होने की उम्मीद है। फाउंडेशन की एनुअल रिपोर्ट 'गोलकीपर्स रिपोर्टÓ में कहा गया है कि गरीबी को दूर करने और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों का विश्लेषण करती है।

यह भी पढ़ेंः-फूलगोभी 150 रुपए और 90 रुपए पर पहुंचे टमाटर के दाम, शिमला मिर्च और परवल की कीमत 100 रुपए पहुंची

फाउंडेशन ने की भारत की तारीफ
फउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संकट के दौरान भारत ने 20 करोड़ महिलाओं को कैश ट्रांसफर किया है। भारत के इस कदम से देश में भूख और गरीबी से निपटने में काफी मदद मिली है। साथ ही महिला सशक्तिकरण को भी मजबूती मिली है। फाउंडेशन के अनुसार भारत में आधार डिजिटल वित्तीय प्रणाली एक बार फिर मददगार साबित हुई। उन्होंने कहा कि डिजिटल कैश ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान शानदार चीज है और जाहिर तौर पर भारत ने इसे उस स्तर पर किया, जैसा आज तक किसी दूसरे देश ने नहीं किया।