
CRISIL estimates India's growth rate to be 5 Percent in 2020
नई दिल्ली। आर्थिक मुद्दों पर सरकार को लगातार झटके लग रहे हैं। हाल ही में दूसरी तिमाही आंकड़े 5 फीसदी से नीचे आ गए हैं। जोकि 26 तिमाहियों का निचला स्तर है। वहीं आने वाले दिनों में आरबीआई नीतिगत दर ( RBI policy rate ) की घोषणा करने वाला है। वहीं क्रिसिल ( Crisil ) ने भारत की मौजूदा वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्घि दर ( economic growth rate ) के अनुमान को 6 फीसदी से भी कम कर दिया है। क्रिसिल ने अपने पिछले अनुमान से 1.2 फीसदी की कटौती कर दी है। अगर यही अनुमान भारत के आंकड़ों पर सटीक बैठेगा तो सरकार के लिए काफी चिंता की बात होगी। ताज्जुब की बात तो ये है कि सरकार इसकी वजह आर्थिंग मंदी को नहीं मान रही है।
5.1 फीसदी कर दी अनुमानिक वृद्घि दर
क्रिसिल रेटिंग ने सोमवार को वित्त वर्ष 2020 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को 6.3 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया। क्रिसिल ने इसके लिए निजी उपभोग में कमजोर वृद्धि, कर संग्रह में कमजोर वृद्धि और औद्योगिक उत्पादन के अलावा अन्य कारक को जिम्मेदार ठहराया है। क्रिसिल ने कहा कि बड़ी चिंता दूसरी तिमाही में वृद्धि दर घटकर 6.1 फीसदी हो जाना है, जो नई जीडीपी श्रंखला में सबसे कम है। क्रिसिल ने कहा कि हम इस वित्त वर्ष में नॉमिनल जीडीपी के औसतन 8.9 फीसदी की उम्मीद करते हैं, जबकि बजट में 12 फीसदी का अनुमान किया गया था।
जारी होने वाली है आरबीआई की नीतिगत दरें
क्रिसिल ने वृद्धि दर अनुमान में यह संशोधन ऐसे समय में किया है, जब आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार से शुरू होने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि बैठक में वृद्धि दर को मदद पहुंचाने के लिए प्रमुख दरों में कटौती की जाएगी। क्रिसिल ने कहा कि पूर्वार्ध में मौद्रिक नीति, कृषि, सरकारी खर्च में मामूली वृद्धि और एक कमजोर आधार प्रभाव की मदद से वृद्धि दर में मामूली सुधार होगा और यह 4.8 से बढ़कर 5.5 हो सकता है।
Updated on:
03 Dec 2019 08:55 am
Published on:
02 Dec 2019 09:03 pm
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