यह भी पढ़ेंः- वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में लिस्टेड होगी एलआईसी क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया कि अतिरिक्त वित्तीय संभावना विनिवेश, परिसंपत्ति के मौद्रीकरण लक्ष्य और टेलीकॉम राजस्व द्वारा जुटाया जाने वाला फंड व आशावादी कर वृद्धि अनुमान और कुल खर्च में कमी है। इसके अलावा, पूंजीगत खर्च और ग्रामीण क्षेत्र के लिए किए जाने वाले खर्च से उपभोग को प्रोत्साहन मिलेगा। क्रिसिल ने कहा, “बजट में सरकार के कदमों का लक्ष्य आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना है। हालांकि इनमें से अधिकांश कदमों से अल्पावधि में प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद नहीं है।”
यह भी पढ़ेंः- आयकर में 5 लाख की आय पर टैक्स फ्री विकल्प के फैसले पर अधिकतर लोग संतुष्ट क्रिसिल के अनुसार, आर्थिक विकास को कुछ प्रोत्साहन मिलेगा लेकिन अल्पावधि में ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। हालांकि, सरकार अभी भी लंबी अवधि के आर्थिक विकास को देख रही है। इसलिए, पूंजीगत खर्च पर जोर दिया गया है। इसका गुणक प्रभाव सकारात्मक होगा, लेकिन मंद रहेगा।