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नीलाम होने जा रही है धोनी की प्राॅपर्टी, यह सरकारी कंपनी करेगी कार्रवार्इ

टीम इंडिया पूर्व कप्तान आैर स्टार क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के लिए बुरी खबर है, उनकी प्राॅपर्टी निलाम होने जा रही है।

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Saurabh Sharma

Jun 18, 2018

dhoni

नीलाम होने जा रही है धोनी की प्राॅपर्टी, यह सरकारी कंपनी करेगी कार्रवार्इ

नर्इ दिल्ली। टीम इंडिया पूर्व कप्तान आैर स्टार क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के लिए बुरी खबर है। उनकी प्राॅपर्टी निलाम होने जा रही है। जानकारी के अनुसार धोनी के पास रांची के डोरंडा में होटल युवराज के पास शिवम प्लाजा नाम की बिल्डिंग में 1100 वर्गफीट और 900 वर्गफीट के ये दो फ्लैट कारोबारी मकसद के हैं। बिल्डर दुर्गा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के हुडको का लोन नहीं चुका पाने के कारण धौनी को ये खामियाजा उठाना पड़ा है।

हुडको करेगी नीलामी
हुडको ने शिवम प्लाजा की नीलामी की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए भवन परिसंपत्ति का दो बार मूल्यांकन अलग-अलग कराया गया है। इलाहाबाद स्थित कर्ज वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण में नीलाम की आधार राशि तय करने की अपील की है। न्यायाधिकरण की ओर से 6 करोड़ कर्ज की राशि के लिए उचित सूद और हर्जाने की राशि के मुताबिक नीलाम की आधार राशि तय होगी। नीलामी से मिली राशि में से इतना हुडको अपने खाते में ले लेगा। नीलामी लोन वाली पूरी परियोजना यानी बिल्डिंग की होगी। यानी उसमें बिक चुके फ्लैट भी इसमें शामिल होंगे।

जमीन मालिक से हुआ विवाद
दुर्गा डेवलपर्स ने शिवम प्लाजा बनाने के लिए हुडको से 12 करोड़ 95 लाख रुपए का लोन लिया था। इस भवन को जी+10 फ्लोर का बनना था। इसी बीच जमीन मालिक से दुर्गा डेवलपर्स का विवाद हो गया। इस कारण 6 करोड़ देने के बाद हुडको ने दुर्गा डेवलपर्स के लोन का बाकी हिस्सा रोक दिया। भवन जी+6 फ्लोर बनने के बाद ही रुक गया। लोन चुकाने में देरी के कारण हुडको ने कंपनी को डिफॉल्टर घोषित कर दिया। धौनी ग्राउंड फ्लोर पर स्थित अपने दोनों फ्लैट्स के लिए डेढ़ करोड़ रुपए दे चुके हैं। इसके बाद भी इस परिसंपत्ति का उनके हाथ से निकलना तय माना जा रहा है।

डेवलपर्स ने दी सफार्इ
दुर्गा डेवलपर्स के निदेशक निलय झा ने कहा, 'धोनी ने शिवम प्लाजा में तीन फ्लोर लिए थे। दो फ्लोर हमने दूसरी परियोजना में शिफ्ट कर दिए। डेढ़ करोड़ देकर भाई के नाम से लिया गया ग्राउंड फ्लोर वहीं है। इसमें हमारी गलती नहीं है। हुडको अधिकारियों की साजिश के कारण ये प्रोजेक्ट डेड हुआ है। हमने छह करोड़ में से तीन करोड़ चुका दिए हैं, इसलिए हुडको वाले कानूनी अधिकारों की बजाय मानवता के नाते ग्राउंड फ्लोर को छांटकर ही नीलाम करते तो अच्छा होता। आगे हमारे लिए कई विकल्प खुले हैं।'