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वित्त मंत्रालय ने कहा- वित्त वर्ष 218-19 में धीमा हो सकता है आर्थिक विकास, जानिए क्या है प्रमुख वजह

सीएसओ ने फरवरी माह में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आर्थिक ग्रोथ को 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर किया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अभी दुनियाभर में तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक। पिछले पांच सालों में 7 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ सबसे न्यूनतम रही है।

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वित्त मंत्रालय ने कहा- वित्त वर्ष 218-19 में धीमा हो सकता है आर्थिक विकास, जानिए क्या है प्रमुख वजह

नई दिल्ली। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग ( cso ) ने तीसरी तिमाही के आर्थिक आंकड़े जारी कर चुकी है, सीएसओ ने फरवरी माह में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आर्थिक ग्रोथ को 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। 7 फीसदी का यह ग्रोथ रेट बीते 5 सालों के न्यूनतम स्तर पर है। मार्च माह में आर्थिक रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ( ministry of finance ) ने कहा कि मौद्रिक समीक्षा नीति ( Monetary Policy review ) ने नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करते हुए आर्थिक रफ्तार को एक तरह से प्रोत्साहन दिया है। केंद्रीय बैंक के इस कदम से बैंकों की तरलता बढ़ी है।

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क्या है आर्थिक सुस्ती की वजह

वित्त मंत्रालय ने कहा, "वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था थोड़ी सुस्त हुई है। आर्थिक रफ्तार में इस सुस्ती की प्रमुख वजह निजी खपत ( Private Consumption ) के कम होने, फिक्स्ड इनकम में बढ़ोतरी और एक्सपोर्ट में कमी आने से हुई है।" हालांकि, मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अभी दुनियाभर में तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आने वाले दिनों में भारत सबसे तेजी से आगे बढऩी वाली अर्थव्यवस्था भी बनेगा।

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क्या है चुनौती

चुनौतियों के बारे में बात करते हुए मंत्रालय ने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर में कई बदलाव करने की जरूरत है। मंत्रालय ने कहा, वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में रियल एक्सचेंज रेट में बढ़त रही है और भविष्य में यह एक्सपोर्ट (निर्यात) के रिवाइवल के लिए चुनौती बन सकता है।"

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पिछले पांच सालों में आर्थिक ग्रोथ रेट

बाहरी तौर पर देखें तो, इस दौरान जीडीपी के अनुपात में राजकोषीय घाटे में भी गिरावट हो सकती है। फिस्कल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट ( FRBM ) टार्गेट को ध्यान में रखें तो केंद्र सरकार के लिए राजकोषीय घाटे में कमी देखने को मिली है। पिछले पांच सालों में 7 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ सबसे न्यूनतम रही है। वित्त वर्ष 2013-14 में ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी, वित्त वर्ष 2014-15 में 7.5 फीसदी, वित्त वर्ष 2015-16 और वित्त वर्ष 2016-17 में 8.2 फीसदी और वित्त वर्ष 2017-18 में 7.2 फीसदी रही थी।

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