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खुशखबरी! मुफ्त बैंकिंग सेवाअों पर नहीं देना होगी जीएसटी, पढ़ें पूरी खबर

locationनई दिल्लीPublished: May 16, 2018 12:07:04 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुुताबिक इन मुफ्त बैकिंग सेवाआें को जीएसटी दायरे से बाहर रखने की उम्मीद है।

Banking service

नर्इ दिल्ली। चेकबुक जारी करने आैर एटीएम से निकासी जैसे कुछ मु्फ्त बैंकिंग सेवाआें पर लगने वाले जीएसटी को लेकर आपके लिए एक बड़ी राहत की खबर है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुुताबिक इन मुफ्त बैकिंग सेवाआें को जीएसटी दायरे से बाहर रखने की उम्मीद है। वित्ती सेवा विभाग (डीएफएस) ने अपने राजस्व समकक्ष से संपर्क कर इस पर उठ रहे कयासों को दूर करने की मांग की है। इसको लेकर मांग में कहा गया है कि बैंक द्वारा ग्राहकों काे दिए जाने वाले मु्फ्त सेवआें पर जीएसटी लगेगा या नहीं। वहीं एक अधिकारी ने साक्षात्कार में कहा है कि वित्तीय सेवा विभाग को उम्मीद है कि राजस्व विभाग उसे जल्द ही बताएगा की बैंकिंग सेवाआें पर जीएसटी लगेगा या नहीं।


वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से मांगी जानकारी

गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही मुफ्त सेवआें पर टैक्स भुगतान नहीं करने के एवज में बैंकों को सर्विस टैक्स के लिए नोटिस भेजा गया था। वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से संपर्क कर इसपर स्पषट जानकारी की मांग की है। इसबात पर जानकारी मांगी की गर्इ इन बैंकिंग सेवाआें पर जीएसटी लगेगी या नहीं।


मुफ्त सेवाआें को जीएसटी के दायरें में नहीं लाया जा सकता


वित्तीय सेवा विभाग का मानना है कि चेक बुक, अकाउंट स्टेटमेंट जारी करना आैर एटीएम से निकासी जैसी कुछ सेवाआें पर एक तय सीमा तक मु्फ्त हैं आैर ये वाणिज्यिक गतिविधियां नहीं हैं। इस वजह से इन्हें जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। आपको बता दें कि बैंकों के प्रबंधन की आेर से इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने भी इस विषय को लेकर टैक्स अधिकारियों को संपर्क किया है।


मुफ्त सेवाअों के लिए बैंक न्यूनतम बैलेंस रखने की रखते हैं शर्त

वर्ष 2012 से 2017 की अवधि तक बैंकाें को सर्विस टैक्स को लेकर नोटिस भेजा गया है। इस पर टैक्स अधिकारियों का मानना है कि बैंक इन सेवआें को मुफ्त नहीं दे रहे हैं, बल्कि इसके लिए अपने ग्राहकों से न्यूनतम बैलेंस रखने के लिए कह रहे हैं। सभी बैंक अपने ग्राहकों के लिए खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने को स्लैब तैयार करते है आैर इन्हीं आधार पर ग्राहकों को मुफ्त सेवाएं दी जाती हैं। आपको ये भी बता दें कि जीएसटी को पिछले साल 01 जुलार्इ से लागू किया गया है, इसके पहले वस्तु एवं सेवाआें पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क आैर सर्विस टैक्स लगता था।

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