
Garib Kalyan Rojgar Abhiyan
नई दिल्ली: बिहार के बाद आज यूपी में रोजगार अभियान ( Garib Kalyan Rojgar Abhiyan ) की शुरूआत हो रही है। यूपी में 'रोजगार का नया नारा, हर श्रमिक को काम' के स्लोगन के साथ शुरू हो रहे इस अभियान के तहत सरकार 125 दिन में 1 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को काम देने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
आंकड़ो के मुताबिक यूपी में फिलहाल लॉकडाउन के दौरान 30 लाख प्रवासी श्रमिकों ( migrant Labours ) की वापसी हुई है। अब सरकार इनको इनके गृहराज्य में 25 अलग-अलग श्रेणियों के तहत काम दिलाने का अभियान चला रही है ताकि इनको अपने घर-परिवार से दूर न जाना पड़े।
यूपी के इन जिलों में चलाया जाएगा रोजगार अभियान- यूपी की योगी सरकार ने यूपी के सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, गोरखपुर, संतकबीर नगर, बांदा, आम्बेडकर नगर, वाराणसी, गाजीपुर, प्रतापगढ़, गोंडा, महाराजगंज, बहराइच, बलरामपुर,सुलतानपुर, कुशीनगर, जौनपुर, हरदोई, , रायबरेली, अयोध्या, देवरिया, अमेठी, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, श्रावस्ती, फतेहपुर, मिर्जापुर, जालौन और कौशांबी जैसे जिलों को इस योजना में शामिल किया है।
क्या है Garib Kalyan Rojgar Abhiyan- 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' ( poor welfare employment campaign ) की बात करें तो ये अभियान 6 राज्यों में 116 जिलों में 125 दिनों का ये अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान (PMGKY) में 25 तरह के कामों की लिस्ट बनाई गई है।
इन कामों के तहत मिलेगा रोजगार- सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इन कामों के आन्तर्गत रोजगार दिया जाएगा।
– सामुदायिक स्वच्छता परिसर
– ग्राम पंचायत भवन
– फाइनेंस कमिशन फंड के तहत किए जाने वाले काम
– राष्ट्रीय राजमार्ग के काम
– जल संरक्षण एवं जल संचयन के काम
– कूओं का निर्माण
– पैधारोपण के काम
– बागवानी के काम
– आंगनवाड़ी केंद्र के काम
– प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के काम
– ग्रामीण सड़क एवं सीमा सड़क के काम
– भारतीय रेल के तहत आने वाले काम
– श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुरबन मिशन
– भारत नेट के तहत फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछाने का काम
– पीएम कुसुम योजना के काम
– जल जीवन मिशन के तहत कराए जाने वाले काम
– प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट
– कृषि विज्ञान केंद्र के तह जीवनयापन की ट्रेनिंग
– जिला खनिज निधि के तहत आने वाले काम
-सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमैंट के काम
– फार्म पोंड योजना के काम
– पशु शेड बनाने का काम
– भेड़/बकरी के लिए शेड बनवाने का काम
– मुर्गी पालन के लिए शेड निर्माण
– केंचुआ खाद यूनिट तैयार कराना
50 हजार करोड़ होंगे खर्च- 125 दिनों के इस अभियान के लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और लगभग 60 लाख मजदूरों ( MIGRANT LABOUR ) को उनकी स्किल के हिसाब से काम देने की योजना बनायी गई है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि ये अभियान केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है।
Published on:
26 Jun 2020 12:31 pm
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