
नई दिल्ली। मंदी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर उद्योगों के लिए प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है। इसके तहत टैक्स कटौती, सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन जैसे वित्तीय उपाय होंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस पैकेज का लक्ष्य ना सिर्फ उद्योगों की लागत घटाना है, बल्कि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के लिए भी कदम उठाना है।
पीएम ने दी जानकारी
साथ ही राजस्व विभाग के साथ मिलकर ऐसे उपाय किए जाएंगे कि ईमानदार करदाताओं को प्रताडि़त नहीं किया जा सके। अगर उन्होंने कोई मामूली गलती की है तो उन्हें उसके लिए प्रताडि़त नहीं किया जाए। प्रधानमंत्री ने एक हालिया मीडिया साक्षात्कार में इन कदमों के बारे में जानकारी दी।
एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज की सिफारिश
भारतीय उद्योग जगत से मांग घटने को लेकर लगातार चिंता जाहिर की जा रही है। उपभोग में तेजी लाने के लिए सरकार इस बात की तैयारी में है कि उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा धन पहुंचे। इसलिए अप्रत्यक्ष दरों में कटौती की जाएगी। एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा, "अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज के रूप में जरूरी हस्तक्षेप की जरूरत है। हमने एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज की सिफारिश की है।"
जल्द हो सकती है घोषणा
सूत्रों का कहना है, "वित्तमंत्री ने विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है और उनकी चिंताओं के बारे में जानकारी जुटाई है। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि मंदी से निकलने के उपाय किए जा सकें। इसके आधार पर एक पैकेज तैयार किया जा रहा है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी।"
Updated on:
14 Aug 2019 07:42 am
Published on:
14 Aug 2019 07:41 am
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