
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ( central cabinet ) ने मंगलवार को दिवाला एवं दिवालियापन संहिता ( IBC ) 2016 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित संशोधन से दिवालिया कंपनी ( Bankrupt company ) के पूर्व प्रमोटरों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही से खरीदारों को सुरक्षा मिलेगी।
यह किए गए हैं बदलाव
संशोधनों के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने से पहले किए गए किसी अपराध के लिए कॉरपोरेट कर्जदार की देनदारी नहीं रह जाएगी और अधिनिर्णयन प्राधिकरण द्वारा समाधान योजना को मंजूरी देने की तिथि से ही इस तरह के अपराध के लिए कॉरपोरेट कर्जदार पर मुकादमा नहीं चलाया जाएगा, बशर्ते कि समाधान योजना के परिणामस्वरूप संबंधित कॉरपोरेट कर्जदार का नियंत्रण या प्रबंधन एक ऐसे व्यक्ति के हाथों में चला जाए जो पूर्व में न तो प्रमोटर था या प्रबंधन में था या कॉरपोरेट कर्जदार के नियंत्रण में था अथवा इस तरह के व्यक्ति से किसी भी तरह संबंधित था।
विसंगतियों को किया गया दूर
यह उस व्यक्ति के मामले में भी लागू होगा जिसे जांच अधिकारी ऐसे व्यक्ति के रूप में नहीं पाएंगे, जिन्होंने अपराध की साजिश रची हो। संशोधन प्रस्ताव में कहा गया है कि कॉरपोरेट कर्जदार आवश्यकता पडऩे पर कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने से पहले किए गए किसी अपराध की जांच-पड़ताल करने वाले की जांच प्राधिकरण हर प्रकार से मदद करेगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस संशोधन से आईबीसी 2016 की विसंगतियां दूर होंगी और यह सुचारु ढंग से लागू होगा।
Updated on:
25 Dec 2019 08:05 am
Published on:
25 Dec 2019 08:04 am
बड़ी खबरें
View Allअर्थव्यवस्था
कारोबार
ट्रेंडिंग
